वाराणसी में साढ़े तीन करोड़ रुपये से बनेगा नगर निगम सदन भवन, निर्माण के लिए प्रक्रिया शुरू
लंबे समय से नगर निगम सदन भवन का इंतजार अब खत्म होने जा रहा है। सब कुछ ठीक रहा तो आगामी कार्यकाल के लिए गठित स्थानीय निकाय सरकार को नया भवन मिल जाएगा। निर्माण को लेकर नगर निगम प्रशासन ने प्रक्रिया शुरू कर दी है।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। लंबे समय से नगर निगम सदन भवन का इंतजार अब खत्म होने जा रहा है। सब कुछ ठीक रहा तो आगामी कार्यकाल के लिए गठित स्थानीय निकाय सरकार को नया भवन मिल जाएगा। निर्माण को लेकर नगर निगम प्रशासन ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। महापौर मृदुला जायसवाल ने भी सहमति दे दी है। अब आरएफपी मांगी गई है।
नगर निगम प्रशासन ने सोमवार को निविदा जारी कर दी है। सबकुछ ठीक रहा तो बरसात बाद नए सदन निर्माण की नींव रख दी जाएगी। महापौर मृदुला जायसवाल ने बताया कि नगर निगम के नए सदन के भवन निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया जारी करते हुए आरएफपी (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) मांगा गया है। इंजीनियरिंग प्रॉक्योरेटमेंट आफ कंस्ट्रक्शन मॉडल के जरिए डीपीआर आदि बनाकर सदन का निर्माण किया जाएगा। नए सदन के निर्माण पर करीब तीन करोड़, 50 लाख रुपया खर्च आएगा। यह भवन डा.संपूर्णानंद स्पोट्र्स स्टेडियम के पिछले गेट के सामने बैंक के पास इस भवन का निर्माण कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह भवन 300 लोगों की क्षमता का बनेगा जो कॉरिडोर के जरिए सीधे नगर निगम की बिल्डिंग से जुड़ा रहेगा।
मेयर ने बताया कि यह भवन पूरी तरह से आधुनिक पैटर्न पर बनेगा जहां, सचिवालय जैसी सुविधाएं मिलेंगी। सदन का जो नया भवन बनेगा वह पूरी तरह से आधुनिक व बिल्डिंग बॉयलॉज के मानकों के अनुसार होगा। दो मंजिला इस भवन में स्मार्ट फैसिलिटी के साथ ही सुरक्षा मानकों के हर पहलू को पूरा किया जाएगा। मेयर ने बताया कि भवन पूरी तरह से सेंट्रलाइज्ड एसी होगी। वहीं रेन वाटर हार्वेस्टिंग, फायर फाइटिंग, सोलर सिस्टम, डॉल्वी साउंड सिस्टम, सीसी टीवी कैमरा से लैस होगा। खास बात यह है कि बैठक दीर्घा में जितने भी लोग बैठेंगे सभी आधुनिक माइक सिस्टम से लैस होंगे।
दिया आदेश, रुद्राक्ष का अनुबंध पत्र सदन में करें पेश
नगर निगम मुख्यालय में मंगलवार को हुई कार्यकारिणी की बैठक में रुद्राक्ष का मसला छाया रहा। इस अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर से मिलने वाले राजस्व के अधिकार को लेकर सवाल उठा। सदन की सहमति से महापौर मृदुला जायसवाल ने आदेश दिया कि रुद्राक्ष को लेकर जो अनुबंध पत्र बना है उसे नगर निगम सदन में पेश किया जाए। साथ ही स्मार्ट सिटी के हर काम में जलकल व नगर निगम का समन्वय जरूरी होगा ताकि परियोजनाओं को संचालित करने में बार-बार समस्या उत्पन्न न हो।