वाराणसी के सांसद नरेंद्र मोदी ने दुनिया के सबसे बड़े कोविड-19 वैक्सीनेशन कार्यक्रम का किया शुभारंभ

दुनिया में सबसे बड़े कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत शुक्रवार को भारत में कोविड-19 के बचाव हेतु वैक्सीनेशन कार्यक्रम की वाराणसी के सांंसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा शुरुआत एवं शुभारंभ किया तो देश भर में अभियान शुरू हो गया।

By Abhishek sharmaEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 02:09 PM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 02:09 PM (IST)
वाराणसी के सांसद नरेंद्र मोदी ने दुनिया के सबसे बड़े कोविड-19 वैक्सीनेशन कार्यक्रम का किया शुभारंभ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा शुरुआत एवं शुभारंभ किया तो देश भर में अभियान शुरू हो गया।

वाराणसी, जेएनएन। दुनिया में सबसे बड़े कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत शुक्रवार को भारत में कोविड-19 के बचाव हेतु वैक्सीनेशन कार्यक्रम की वाराणसी के सांंसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा शुरुआत एवं शुभारंभ की। इस अवसर पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से वर्चुअल संवाद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बहुत कम समय में कोरोना वैक्सीन भारत में आ गई है और आज दुनिया का सबसे बड़ा कोरोना टीकाकरण अभियान शुरू हो रहा है। उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि एक वैक्सीन बनाने में वर्षों लग जाते हैं, लेकिन इतना कम समय में मेड इन इंडिया का दो-दो वैक्सीन बना है। जो भारत के वैज्ञानिक दक्षता व टैलेंट का उदाहरण है। उन्होंने कवि के कथन को उद्धृत करते हुए कहा कि मानव जब जोर लगाता है तो पत्थर पानी बन जाता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा के लोगों का पहला हक वैक्सीन पर है, जिन्होंने संकट की घड़ी में आगे बढ़कर और बढ़-चढ़कर लोगों की सहायता की है, उन्हें पहले वैक्सीन लगेगा। फिर दूसरे चरण में सुरक्षा कर्मियों एवं अन्य फ्रंटलाइन वर्करों को कोरोना वैक्सीन लगाया जाएगा। इनकी कुल संख्या लगभग तीन करोड है जिनका खर्च भारत सरकार उठाएगी। कोरोना वैक्सीन लगाए जाने के दौरान रजिस्ट्रेशन से ट्रैकिंग तक की व्यवस्था है। कोरोना वैक्सीन की दो डोज लगना जरूरी है। दोनों डोज के बीच एक माह का अंतराल भी जरूरी हैं। इसलिए कोरोना के संक्रमण एवं बचाव के लिए मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना एवं सैनिटाइज करने जैसी एहतियाती कार्य में किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं होनी चाहिए। इतिहास में इतना बड़ा टीका अभियान इससे पहले कभी नहीं चला है। कोरोना वैक्सीनेशन के दूसरे चरण में 3 से 30 करोड़ की संख्या तक ले जाया जाना है। प्रोपगंडा, अफवाह एवं आशंका से सचेत रहें। प्रधानमंत्री ने बताया कि देश में बच्चों को लगने वाला टीका भारत में ही बनता है। उन्होंने कहा कि भारतीय वैक्सीन विदेशी वैक्सीन की तुलना में काफी सस्ता है। आत्मविश्वास व आत्मनिर्भर से कोरोना की लड़ाई रही है।

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा की देखरेख में वाराणसी में भी शुरू हुआ कोरोना वैक्सिनेशन कार्यक्रम की शुरुआत। वाराणसी में चार शहरी एवं दो ग्रामीण सहित कुल छह स्थानों पर सेंटर बनाया गया है। प्रत्येक केंद्र पर सौ-सौ सहित कुल 600 लोगों को वैक्सीन लगाया जाएगा। कोरोना कॉल में सबसे अधिक रिस्क में मेहनत से कोविड-19 के मरीजों की सेवा का काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को सबसे पहले टीका लगाया जा रहा है। जिलाधिकारी राजकीय महिला चिकित्सालय कबीरचौरा एवं पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय का दौरा कर कार्यक्रम की मानिटरिंग स्वयं करते रहे। उन्होंने राजकीय महिला चिकित्सालय, कबीरचौरा में अपनी देखरेख में कोरोना वैक्सिनेशन कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत करायी। जहांं पर कोरोना वैक्सीन का पहला टीका हेल्थ वर्कर के रूप में श्री शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय चिकित्सालय के डाटा इंट्री ऑपरेटर अजित कुमार मिश्रा को लगाया गया। महिला राजकीय चिकित्सालय कबीरचौरा में कोरोना वैक्सिनेशन कार्यक्रम का पूरे उल्लास के साथ शुरुआत की गई।

इस अवसर पर वैक्सीनेशन वार्ड को फूल पत्ती एवं गुब्बारों से पूरी तरह सजाया गया था। कोरोना वैक्सिनेशन को लेकर लोगों में उत्साह देखी जा रही थी। लोग काफी उत्साहित दिख रहे थे। राजकीय महिला चिकित्सालय में वैक्सीनेशन हाल परिसर में लगे बड़े एलइडी स्क्रीन पर प्रधानमंत्री द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा किए गए कोरोना वैक्सीनेशन शुभारंभ कार्यक्रम की सीधा प्रसारण को देखा और प्रधानमंत्री के संबोधन को सुना। शनिवार को शुरू हुए दुनिया के सबसे बड़े कोविड-19 वैक्सीनेशन कार्यक्रम के प्रचार प्रसार एवं वैक्सिन के प्रति जन जागरण हेतु सूचना विभाग द्वारा शहर के केंट, नदेसर, मंडुवाडीह, काशी स्टेशन एवं कबीरचौरा सहित छह स्थानों पर एलईडी बैंन के माध्यम से प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का लाइव प्रसारण दिखाया गया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर बीवी सिंह सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी कर्मचारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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