वाराणसी में शियों के चौथे इमाम की जयंती पर सजी महफिल, उलमा ने पेश की नूरानी तकरीर
वाराणसी में भदऊ स्थित प्रोफेसर अजीज हैदर के निवास पर मौलाना शामिल हसन की सदारत में मंगलवार की रात चौथे इमाम जैनुलअबिदीन की जयंती पर महफिल सजाई गई। इसमें उलमा-ए-कराम ने नूरानी तकरीर व शायरों ने कलाम पेश किए।
वाराणसी, जेएनएन। भदऊ स्थित प्रोफेसर अजीज हैदर के निवास पर मौलाना शामिल हसन की सदारत में मंगलवार की रात चौथे इमाम जैनुलअबिदीन की जयंती पर महफिल सजाई गई। इसमें उलमा-ए-कराम ने नूरानी तकरीर व शायरों ने कलाम पेश किए।
उलमा ने अपनी तकरीर में कहा कि इमाम जैनुलअबिदीन शिया समुदाय के 12 इमामों में से चौथे इमाम थे। वे अपने पिता हज़रत हुसैन इब्न अली, उनके चाचा हज़रत हसन इब्न अली और उनके दादा हज़रत अली के बाद इमाम बने थे। इमाम जैनुलअबिदीन का जीवन और बयान पूरी तरह से धार्मिक शिक्षाओं के लिए समर्पित रहा।
इस दौरान मौलाना जमीर उल हसन, मौलाना बाकर हैसवी, मौलाना असलम, मौलाना शमसी इलाहाबाद, मौलाना जावेद नजफी मुबारकपुर आदि ने महफिल को खेताब किया। वहीं मौलाना अज़ीज़ हैदर, रेहान बनारसी, अतश बनारसी, अनवर बनारसी, शराफत बनारसी, रौशन बनारसी व ताहिर जव्वाद, आशु आदि ने इमाम की शान में कलाम पेश किए।
समारोह का संचालन डा. शफीक हैदर ने किया। शिया जमा मस्जिद के प्रवक्ता हाजी फरमान हैदर करबलाई ने बताया कि गुरुवार से रविवार तक बीबी फ़ातिमा की शहादत के सिलसिले से मजलिसों का आयोजन किया जाएगा।