वाराणसी प्रदेश का तीसरा सबसे कम प्रदूषित शहर, कार्बन मोनो आक्साइड उत्सर्जन के मामले में भेलुपुर रहा अग्रणी

बनारस में इस समय प्रयागराज और कानपुर के बाद दूसरा सबसे कम प्रदूषित शहर बन गया है। सोमवार को बनारस में प्रदूषण का स्तर सामान्य से भी काफी कम रहा। पर्यावरण इंडेक्स में बनारस के 47 अंक कानपुर के 31 और प्रयागराज के 24 अंक दर्ज किए गए।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 06:10 AM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 06:10 AM (IST)
वाराणसी प्रदेश का तीसरा सबसे कम प्रदूषित शहर, कार्बन मोनो आक्साइड उत्सर्जन के मामले में भेलुपुर रहा अग्रणी
बनारस में इस समय प्रयागराज और कानपुर के बाद दूसरा सबसे कम प्रदूषित शहर बन गया है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। बनारस में इस समय प्रयागराज और कानपुर के बाद दूसरा सबसे कम प्रदूषित शहर बन गया है। सोमवार को बनारस में प्रदूषण का स्तर सामान्य से भी काफी कम रहा। पर्यावरण इंडेक्स में बनारस के 47 अंक, कानपुर के 31 और प्रयागराज के 24 अंक दर्ज किए गए। सोमवार को बनारस के तीन क्षेत्रों के सूचकांकों से ही जानकारियां मिली, जिनमें अर्दली बाजार 68 अंकों के साथ सबसे अधिक प्रदूषित क्षेत्र रहा। वहीं भेलुपुर में 33 और बीएचयू का एयर क्वालिटी इंडेक्स में 40 अंक दर्ज किया गया।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पर्यावरणविदों के अनुसार बनारस में बीएचयू के एयर क्वालिटी इंडेक्स को मानक बताया जाता है। इस तरह से भेलुपुर काफी बेहतर स्थिति में रहा। बीएचयू में पीएम 2.5 प्रदूषकों की मात्रा अधिकतम 31, पीएम-10 75 अंक, नाइट्रोजन आक्साइड अधिकतम 49, एनएच-3 12, सल्फर डाइआक्साइड 33 और कार्बन मोनो आक्साइड 17 अंक तक दर्ज किया गया। वहीं भेलुपुर क्षेत्र की बात करें तो बीएचयू से केवल कार्बन मोनो आक्साइड के उत्सर्जन में ही अधिक रहा। भेलुपुर में कार्बन मोनो आक्साइड का उत्सर्जन 38 अंक तक गया, जबकि बीएचयू में 17 ही रहा।

बारिश ने बनारस में प्रदूषण रहित कर दिया

पर्यावरणविदों का मानना है कि बारिश ने बनारस में प्रदूषण रहित कर दिया है। इस समय लगने वाली धूप भी काफी तीखी महसूस हो रही है। दरअसल इस समय वातावरण धूलकणों और प्रदूषकों से बिल्कुल की मुक्त हो गया है इस वजह से धूप भी करारी समझ में आ रही है। अब वातावरण में यदि इसी प्रकार से नमी बनी रही तो अभी कुछ दिन और बनारस का पर्यावरण प्रदूषण से मुक्त रहेगा। बरसात के मौसम में वाराणसी में प्रदूषण का स्‍तर कम ही रहेगा। दीपावली के आसपास प्रदूषण स्‍तर ज्‍यादा होगा। आतिशबाजी के साथ ही खेतों में पराली जलाने से वायु प्रदूषण ज्‍यादा होता है। इसके लिए अभी से विभाग की ओर से जागरूकता करने के साथ ही समस्‍या का समाधान करना होगा।

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