Varanasi IMA Election : आज सुबह नौ बजे से मतगणना होगी और दोपहर में परिणाम घोषित

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन वाराणसी के चुनाव अधिकारी की नियुक्ति को लेकर चल रहे विवाद का असर रविवार को मतदान पर भी देखने को मिला। मतगणना सोमवार को सुबह नौ बजे से होगी और दोपहर में परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 06:30 AM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 06:30 AM (IST)
Varanasi IMA Election : आज सुबह नौ बजे से मतगणना होगी और दोपहर में परिणाम घोषित
वाराणसी आइएमए शाखा में मतदान की औपचारिकता पूरी करते चिकित्सक।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन वाराणसी के चुनाव अधिकारी की नियुक्ति को लेकर चल रहे विवाद का असर रविवार को मतदान पर भी देखने को मिला। कोरोना के बावजूद पिछले वर्ष जहां करीब 65 फीसद मतदान हुआ था, वहीं इस वर्ष यह आकड़ा 22 फीसद पर सिमट गया। सदस्य डाक्टर अपने मताधिकार का प्रयोग करने को लेकर हिचकते नजर आए। ज्ञात हो कि वर्ष 2019 में 759 व वर्ष 2020 में 884 मत पड़े थे तो इस बार केवल 414 ने अपने मत का प्रयोग किया। चुनाव अधिकारी डा. अरविंद सिंह ने कहा कि मतगणना सोमवार को सुबह नौ बजे से होगी और दोपहर में परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे।

आरोप-प्रत्यारोप के बीच आइएमए परिसर में सुबह चुनाव की प्रक्रिया सुबह नौ शुरू हुई। इसके लिए तीन बूथ बनाए गए थे। विरोध के बाद भी बैलेट पेपर पर बहिष्कार करने वाले धड़े के नाम छपे थे। इसके अनुसार अध्यक्ष पद पर डा. राहुल चड्ढा व डा. एसपी सिंह, सचिव पद पर डा. अरुण कुमार त्रिपाठी व डा. राजेश्वर नारायण सिंह, संयुक्त सचिव के दो पदों पर डा. अभिषेक सिंह, डा. अजय कुमार सिंह, डा. हेमंत कुमार सिंह व डा. संजय पटेल, सामाजिक सचिव पद पर डा. अतुल सिंह व डा. रितु गर्ग, जनसंपर्क सचिव पद पर डा. सीकेपी सिन्हा व डा. राकेश पटेल के नाम थे। चुनाव अधिकारी डा. अरविंद सिंह ने कहा कि मतगणना सोमवार को सुबह नौ बजे से होगी और दोपहर में परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे।

उधर, बहिष्कार करने वाले खेमे से पूर्व अध्यक्ष डा. पीके तिवारी ने कहा कि आइएमए में चल रही मनमानी की उचित फोरम पर शिकायत की गई है। इस तरह चुनाव कराना प्रतिष्ठित संस्था की गरिमा के अनुरुप नहीं है। पूर्व अध्यक्ष डा. आलोक भारद्वाज ने कहा कि विरोध के बाद भी तमाम लोगों के नाम पर मतदान कराना गलत और आपत्तिजनक है। इसका असर भी दिखा पूर्व के वर्षों में जहां 65-70 फीसद मतदान होता था, इस बार 22 फीसद पर ही रह गया।

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