मजिस्ट्रेट के हवाले होगा वाराणसी का डीआरडीओ अस्पताल, पीडियाट्रिक के 250 बेड की तैयारी रहेगी जारी

रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) की अेार से बीएचयू परिसर में स्थापित पं. राजन मिश्र कोविड चिकित्सालय में अब मरीजों को भर्ती नहीं किया जाएगा। भर्ती मरीज बीएचयू अस्पताल में स्थानांतरित किए जा रहे हैं। यह जिम्मेदारी अब क्षेत्रीय मजिस्ट्रेट के पास होगी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 07:54 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 11:34 AM (IST)
मजिस्ट्रेट के हवाले होगा वाराणसी का डीआरडीओ अस्पताल, पीडियाट्रिक के 250 बेड की तैयारी रहेगी जारी
बीएचयू परिसर में स्थापित डीआरडीओ पं. राजन मिश्र कोविड चिकित्सालय में अब मरीजों को भर्ती नहीं किया जाएगा।

वाराणसी, जेएनएन। रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) की अेार से बीएचयू परिसर में स्थापित पं. राजन मिश्र कोविड चिकित्सालय में अब मरीजों को भर्ती नहीं किया जाएगा। भर्ती मरीज बीएचयू अस्पताल में स्थानांतरित किए जा रहे हैं। हालांकि इंफ्रास्ट्रक्टर पूर्व की तरह ही बना रहेगा। इसके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। अस्पताल की व्यवस्था पर नजर रखने के लिए बतौर तैनात नोडल अधिकारी तैनात वीडीए उपाध्यक्ष को जिम्मेदारी से मुक्त कर यह जिम्मेदारी अब क्षेत्रीय मजिस्ट्रेट के पास होगी। स्थानीय पुलिस इस पर नजर रखेगी। साथ ही डीआरडीओ की सुरक्षा एजेंसी इसकी देखरेख करेगी।

घटाया जाएगा बिजली का लोड

कमिश्नर दीपक अग्रवाल की अध्यक्षता में डीआरडीओ, वीडीए व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के बीच हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। अस्थाई अस्पताल की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम पर चर्चा की गई। इसमें निर्णय लिया गया कि बिजली का लोड घटाया जाएगा, लेकिन सामान्य तौर पर इतना लोड अवश्य रहेगा कि सामान्य गतिविधियां सुचारू रूप से संचालित हो सके। अस्पताल में लाइट, तकनीकी सपोर्ट के अन्य कार्य ठीक से चल सकें। इसके साथ ही तीसरी लहर की तैयारी को लेकर भी यहां काम हो सके। इसी को ध्यान में रखते हुए अस्थाई अस्पताल में 250 पिडियाट्रिक वार्ड को संसाधन से लैस करने की तैयारी जारी रखने का भी निर्णय लिया गया। कोविड की तीसरी लहर में बच्चाें के अधिक प्रभावित होने के विशेषज्ञों के अनुमान के आधार पर यह तैयारी बतायी जा रही है।

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कहा कि क्षेत्रीय मजिस्ट्रेट इस अस्पताल पर नजर रखेंगे। डीआरडीओ की सुरक्षा एजेंसी से जुड़े लोग देखेंगे। मरीजों को भर्ती नहीं किया जाएगा। जरूरी मशीनें बीएचयू की सिपुर्दगी में दिया जाएगा लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर यूं ही रहेगा। इसकी निगरानी की जिम्मेदारी सौंप दी गई है।

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