वाराणसी जिला उपभोक्ता फोरम में जल्द शुरू होगी ई फाइलिंग प्रक्रिया, आॅनलाइन दर्ज हो सकेगी शिकायत

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम वाराणसी में इस वक्त सर्वाधिक मामले बीमा व हाउसिंग से जुड़े आ रहे हैं। वहीं अब विभाग द्वारा जल्दी ही ई फाइलिंग की प्रक्रिया भी अगले माह से शुरू हो जाएगी। शिकायतकर्ता अपने शिकायत व कागजात आॅनलाइन साइट पर अपलोड कर अपनी बात पहुंचा सकेंगे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 07:39 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 11:30 PM (IST)
वाराणसी जिला उपभोक्ता फोरम में जल्द शुरू होगी ई फाइलिंग प्रक्रिया, आॅनलाइन दर्ज हो सकेगी शिकायत
उपभोक्त फोरम में जल्दी ही ई फाइलिंग की प्रक्रिया भी अगले माह से शुरू हो जाएगी।

वाराणसी, जेएनएन। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम वाराणसी में इस वक्त सर्वाधिक मामले बीमा व हाउसिंग से जुड़े आ रहे हैं। वहीं अब विभाग द्वारा जल्दी ही ई फाइलिंग की प्रक्रिया भी अगले माह से शुरू हो जाएगी। इसमें शिकायतकर्ता अपने शिकायत व जरूरी कागजात आॅनलाइन साइट पर अपलोड कर विभाग तक अपनी बात पहुंचा सकेंगे। उधर विभागीय कर्मचारियों द्वारा इन सभी दस्तावेजों को रखने के लिए भी आॅनलाइन व्यवस्था होगी।

इसके लिए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र एनआईसी  द्वारा साफ्टवेयर डेवलप कराया जा रहा है।  उप्र में फोरम के वाराणसी हेड क्वाटर में अभी दो कर्मचारियों डीएमए कंप्यूटर आपरेटर व जूनियर असिस्टेंट को ई फाइलिंग की प्रारंभिक ट्रेनिंग दी गई है। इसके साथ ही कुछ दिन और यह प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि सभी काम आॅनलाइन किए जा सकें। प्रारंभिक प्रशिक्षण में अभी ई फाइलिंग में दर्ज शिकायत कैसे देखा जाए और कैसे इसे आगे बढ़ाया जाए आदि चीजें प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले कर्मचारियों ने जाना है।

उपभोक्ताआें को आॅनलाइन सेवा मिलने से बार बार कार्यालय आने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। वैसे भी कोरोना काल चल रहा है इसमें शारीरिक दूरी का पालन करना जरूरी है। इस वजह से अगर आॅनलाइन काम हो रहा है तो ज्यादा बेहतर होगा। फोरम की साइट पर शिकायत दर्ज करनेे के बाद बार बार आने की समस्या से मुक्ति मिल जाएगी केवल बहुत जरूरी सुनवाई होने पर ही वाद दाखिल करने वालों को  बुलाया जाएगा। दिल्ली में जिला व न नेशनल कमीशन में ई फाइलिंग शुरू हो चुकी है अब उत्तर प्रदेश में इसे चालू करने के लिए तेजी से काम चल रहा है।

फोरम कार्यालय में अभी पांच कर्मचारी हैं जिसमें से तीन तृतीय श्रेणी व दो चतुर्थ श्रेणी हैं। हालांकि यहां पर स्टाफ की कमी पहले से ही है ऐसे में अब एक करोड़ तक के मामले और ई फाइलिंग आदि होने से कम कर्मचािरयों के उपर काम का बोझ बढ़ गया है। एक्ट का विस्तार होने के साथ ही कर्मचारियों का अभी विस्तार नहीं हो पाया है।

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