वाराणसी जिला प्रशासन ने एंबुलेंस के लिए किराया निर्धारित किया, एंबुलेंस चालकों की नहीं चलेगी मनमानी

कोविड-19 से संक्रमित रोगियों के उपचार हेतु उपयोग में लाये जाने वाले एम्बुलेंस के किराये की दरें जनपद वाराणसी अन्तर्गत निर्धारित कर दी जायें जिससे आम जनता को निर्धारित शुल्क पर वाहन व एंम्बुलेंस सुगमता से उपलब्ध हो सके।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 09:18 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 09:21 PM (IST)
वाराणसी जिला प्रशासन ने एंबुलेंस के लिए किराया निर्धारित किया, एंबुलेंस चालकों की नहीं चलेगी मनमानी
आम जनता को निर्धारित शुल्क पर वाहन व एंम्बुलेंस सुगमता से उपलब्ध हो सके।

वाराणसी, जेएनएन। वैश्विक महामारी में एंबुलेंस संचालकों और चालकों की मनमानी व लूट पर नकेल कसने के लिए जिला प्रशासन को सख्त रवैया अपना ही पड़ा। जिला प्रशासन ने पहली बार एंबुलेंस का किराया तय किया है। अभी तक जिला प्रशासन, परिवहन विभाग और शासन से एंबुलेंस किराया को लेकर कोई रेट तय नहीं था, यही कारण था कि अस्पताल संचालक और चालक दोनों मनमानी कर रहे थे। अधिकारी चाहकर भी एंबुलेंस के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहे थे। अब रेट तय होने मजिस्ट्रेट, पुलिस, यातायात, स्वास्थ्य और परिवहन विभाग कार्रवाई कर सकेगा। साथ में जिलाधिकारी ने कार्रवाई के लिए दो अफसरों को नोडल अफसर नामित किया है। एंबुलेंस चालकों की मनमानी और उनके किराए को लेकर दैनिक जागरण लगातार अागाह करता रहा। ऐसे में जिला प्रशासन को एंबुलेंस का किराया तय करना पड़ा। 

कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने के साथ एंबुलेंस संचालकों और चालकों ने लूट मचा रखी थी। यदि उन्हें यह मालूम चल जा रहा था कि कोरोना संक्रमित मरीज या शव है तो फिर क्या पूछना। जो मन में आया वही बोल दिया। संक्रमित मरीज और शव पहुंचाने के नाम पर सौदा करते थे। स्थिति यह थी कि बीएचयू से हरिश्चंद्र घाट तक संक्रमित शव पहुंचाने का तीन से पांचा हजार रुपये मांग रहे थे। संक्रमित मरीज को घर से अस्पताल पहुंचाने का 10 किलोमीटर दूरी का 10 से 20 हजार रुपये वसूल रहे थे। मजबूरीवश लोग एंबुलेंस का किराया दे रहे थे लेकिन जिला प्रशासन इनके खिलाफ कार्रवाई करने में असहाय दिखाई दे रहा था।  

जिला प्रशासन ने यह तय किया रेट 

कोविड मरीजों के लिए 

आक्सजीनरहित एंबुलेंस का 20 किलोमीटर की दूरी के लिए 1500 रुपये, इसके बाद प्रति किलोमीटर 15 रुपये 

आक्सजीनयुक्त एंबुलेंस का 20 किलोमीटर की दूरी के लिए 2000 रुपये, इसके बाद प्रति किलोमीटर 20 रुपये 

वेंटीलटर सपोर्टेड या बाई पैंप एंबुलसें का 20 किलोमीटर की दूरी के लिए 4000 रुपये, इसके बाद प्रति किलोमीटर 25 रुपये 

नान कोविड मरीज के लिए 

आक्सजीनरहित एंबुलेंस का 20 किलोमीटर की दूरी के लिए 900 रुपये, इसके बाद प्रति किलोमीटर 14 रुपये 

आक्सजीनयुक्त एंबुलेंस का 20 किलोमीटर की दूरी के लिए 1200 रुपये, इसके बाद प्रति किलोमीटर 16 रुपये 

वेंटीलटर सपोर्टेड या बाई पैंप एंबुलसें का 20 किलोमीटर की दूरी के लिए 2500 रुपये, इसके बाद प्रति किलोमीटर 20 रुपये 

शव वाहिनी के लिए 

कोविड शव वाहन का 20 किलोमीटर की दूरी के लिए 1500 रुपये, इसके बाद 15 रुपये प्रति किलोमीटर 

नान शव वाहन का 20 किलोमीटर की दूरी के लिए 1000 रुपये, इसके बाद 12 रुपये प्रति किलोमीटर 

इन नंबरों पर करें शिकायत 

अपर पुलिस उपायुक्त विकास कुमार, मोबाइल नंबर-9454401874

एआरटीओ सर्वेश चतुर्वेदी, मोबाइल नंबर-9415319347

ट्रैफिक हेल्प लाइन नंबर 7317202020 

पुलिस हेल्प लाइन नंबर 112 

नोडल अफसर की जिम्मेदारी 

जिलाधिकारी ने अपर पुलिस उपायुक्त (यातायात) विकास कुमार और एआरटीओ सर्वेश चतुर्वेदी को नोडल अफसर नामित किया है। दोनों अधिकारी एंबुलेंस संचालक और चालक द्वारा अधिक पैसा लेने की शिकायत मिलने पर तत्काल कार्रवाई करेंगे। साथ ही कार्रवाई से जिलाधिकारी को अवगत कराएंगे। दोनों अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी कि वे अपने स्तर पर जनपद में एंबुलेंस को लेकर मानीटरिंग करें। जरूरत पड़ने पर एंबुलेंस संचालक और चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर जेल भेजेंगे। साथ ही उस एंबुलेंस को सीज करेंगे। 

थाना प्रभारी करेंगे त्वरित कार्रवाई 

डीएम ने वैश्विक महामारी में अपदा को अवसर बनाने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। सभी थाना प्रभारी अपने-अपने क्षेत्र में अस्पताल संचालकों को हिदायत देने के साथ यह सुनिश्चित कराएंगे कि किसी मरीज का उत्पीड़न नहीं हो। सूचना मिलने के साथ तत्काल मौके पर पहुंचेंगे और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के साथ उच्च अधिकारियों को अवगत कराएंगे।

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अापदा को अवसर बनाने में एंबुलेंस संचालकाें और चालकों ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। रेट तय नहीं होने से थोड़ी दिक्कत थी लेकिन अब रेट तय कर दिया गया है। तय रेट से अधिक किराया लेने वाले एंबुलेंस संचालकों और चालकों को बख्शा नहीं जाएगा। नोडल अधिकारी नामित करने के साथ जिम्मेदारी तय कर दी गई है। शिकायत मिलने पर जिम्मेदार अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं करते हैं तो उन्हें दोषी मानते हुए दंडित किया जाएगा। वैश्विक महामारी में लापरवाही क्ष्मय नहीं होगी।  

-कौशल राज शर्मा, जिलाधिकारी

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