असि नदी को नवजीवन देने के लिए वाराणसी विकास प्राधिकरण और नगर निगम ने चलाया पुनरूद्धार अभियान

आखिरकार वह दिन आ गया जिसकी इंतजार नदी प्रेमी कर रहे थे। जिला प्रशासन के आदेश पर विकास प्राधिकरण व नगर निगम ने असि नदी पुनरूद्धार अभियान प्रारंभ कर दिया। इसके तहत चितईपुर के इंद्रानगर कालोनी में नदी के पेटा में बने निर्माणों को ढहाने की कार्रवाई की गई।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 08:20 AM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 09:36 AM (IST)
असि नदी को नवजीवन देने के लिए वाराणसी विकास प्राधिकरण और नगर निगम ने चलाया पुनरूद्धार अभियान
इंद्रानगर में असि नदी पर बने अतिक्रमण तोड़ते वीडीए कर्मी।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। आखिरकार वह दिन आ गया जिसकी इंतजार नदी प्रेमी कर रहे थे। जिला प्रशासन के आदेश पर वाराणसी विकास प्राधिकरण व नगर निगम ने असि नदी पुनरूद्धार अभियान प्रारंभ कर दिया। इसके तहत बुधवार को चितईपुर के इंद्रानगर कालोनी में नदी के पेटा में बने निर्माणों को ढहाने की कार्रवाई की गई। इस दौरान स्थानीय लोगों में खलबली मच गई। कुछ लोगों ने विरोध करने का मन बनाया लेकिन भारी फोर्स की मौजूदगी में उनकी हिम्मत नहीं हुई। कुछ ऐसे भी लोग सामने आए जो अपना निर्माण खुद ही तोडऩे लगे।

विकास प्राधिकरण, जिला प्रशासन व नगर निम की संयुक्त टीम ने 11 भवनों को जेसीबी से ध्वस्त कर दिया। यह सभी भवन नदी के एरिया को कब्जाकर बनाया गया था। विकास प्राधिकरण की टीम का नेतृत्व जोनल अधिकारी व संयुक्त सचिव परमानंद यादव ने किया। प्रवर्तन की संयुक्त टीम के साथ बुलडोजर भी था। जैसे ही चितईपुर के इंदिरानगर में अतिक्रमण ढहाने टीम पहुंची तो लोगों का विरोध शुरू हो गया। बाद में फोर्स ने सख्ती की तो वे पीछे हट गए। इसके बाद ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू हुई। इलाके की बिजली काट दी गई थी। दोपहर 12 बजे से दिन में तीन बजे तक चली इस कार्रवाई के दौरान 11 भवन जमींदोज किए गए जिसमें 4 दुकानें भी थीं। काशी की पौराणिक महत्व वाली असि नदी के पुनरूद्धार के लिए डीएम कौशल राज शर्मा काफी दिनों से सक्रिय हैं। नदी से अतिक्रमण हटे, इसके लिए उन्होंने राजस्व विभाग, वीडीए, नगर निगम व वन विभाग की एक कमेटी भी गठित की है। बीते चार माह में सर्वे कराने के बाद यह पहली कार्रवाई हुई है

एनजीटी ने जारी की है गाइडलाइन

एनजीटी ने भी नदी के स्वरूप को लेकर गाइडलाइन जारी किया है। विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष ईशा दुहन ने बताया कि नदी की तलहटी व ग्रीन एरिया को कब्जा करने वाले नहींं छोड़े जाएंगे। चाहे वह कितना ही रसूख वाले क्यों न हों। कार्रवाई के दौरान अपर नगर मजिस्ट्रेट प्रथम सुरेंद्र बहादुर, नगर निगम का प्रवर्तन दल, राजातालाब तहसील की राजस्व टीम, नगर निगम के कर अधीक्षक, वीडीए जेई एके अस्थाना, लंका थाने की फोर्स आदि मौजूद थी।

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