Varanasi City Weather Update: आसमान साफ होने के साथ ही गलन बढ़ी, तापमान में गिरावट का दौर

मौसम विज्ञानियों के अनुसार बंगाल की खाड़ी में चक्रवात की वजह से तापमान में उतार चढ़ाव हो रहा है। लिहाजा चक्रवात का असर खत्‍म होने के बाद तापमान सामान्‍य हो जाएगा। गुरुवार की सुबह आसमान साफ रहा और अंचलों में कोहरे का दौर दोबारा शुरू हो गया।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 08:53 AM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 10:23 AM (IST)
Varanasi City Weather Update: आसमान साफ होने के साथ ही गलन बढ़ी, तापमान में गिरावट का दौर
मौसम विज्ञानियों के अनुसार बंगाल की खाड़ी में चक्रवात की वजह से तापमान में उतार चढ़ाव हो रहा है।

वाराणसी, जेएनएन। पूर्वांचल में मौसम का रुख एक बार फ‍िर से बदलाव की ओर है। आठ डिग्री पारा गिरने के बाद अब दोबारा यह चढ़ाव पर हुआ और 11 डिग्री से ऊपर जाने के बाद दस डिग्री के आसपास फ‍िर आ गया। मौसम विज्ञानियों के अनुसार बंगाल की खाड़ी में चक्रवात की वजह से तापमान में उतार चढ़ाव हो रहा है। लिहाजा चक्रवात का असर खत्‍म होने के बाद तापमान सामान्‍य हो जाएगा। गुरुवार की सुबह आसमान साफ रहा और अंचलों में कोहरे का दौर दोबारा शुरू हो गया। दिन चढ़ने के साथ ही गुनगुनी धूप खिली और और लोगोंं ने धूप सेंककर  गलन के बीच सुबह खुद को राहत दी। 

बीते चौबीस घंटाें में अधिकतम तापमान  27 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्‍य से एक डिग्री कम रहा, न्‍यूनतम तापमान 10.4 डिग्री दर्ज किया गया जो सामान्‍य से तीन डिग्री कम रहा। आर्द्रता इस दौरान 80 फीसद और न्‍यूनतम 62 फीसद दर्ज की गई। जबक‍ि मौसम विभाग की ओर से जारी सैटेलाइट तस्‍वीरों में पूर्वांचल के आसपास बादलों की आवाजाही का दौर बना हुआ है। बंगाल की खाड़ी में चक्रवात की वजह से पुरवा और पहाड़ों से आने वाली पछुआ हवा के मेल से वातावरण के उतार चढ़ाव का दौर भी जारी रहा। इसकी वजह से लोगों को वातावरण में काफी बदलाव महसूस हो रहा है।     
इस समय बंगाल की खाड़ी में चक्रवात की स्थिति होने की वजह से इसका असर पूर्वांचल तक भी पहुंच रहा है। जिससे वातावरण में उतार चढ़ाव का दौर भी बना हुआ है। दूसरी ओर पहाड़ों पर लगातार हो रही बर्फबारी की वजह से इसका असर मैदानी क्षेत्रों में पहुंच चुका है। अगले 24- 48 घंटों में इसका असर होने के साथ ही गलन की जद में समूचा पूर्वांचल भी आ जाएगा। इसी के साथ ही यूरोप से आने वाली गलन भरी ठंडी हवाएं भी असर  करेंगी और वातावरण में बदलाव का सबब बनेंगी।
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