Varanasi City Weather Update : पश्चिमी विक्षोभ ने बदला मौसम का रुख, बढ़ाई हवा में गति और गलन

पश्चिमी विक्षोभ ने मंगलवार की शाम से मौसम का रुख बदलना शुरू कर दिया है। पश्चिम की ओर से शुरू हुई ठंडी और सूखी हवाओं का चलना जारी है। रात से गिरना शुरू हुए तापमान का असर बुधवार की सुबह भी दिखा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 10:12 AM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 10:12 AM (IST)
Varanasi City Weather Update : पश्चिमी विक्षोभ ने बदला मौसम का रुख, बढ़ाई हवा में गति और गलन
पश्चिमी विक्षोभ ने मंगलवार की शाम से मौसम का रुख बदलना शुरू कर दिया है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी : पश्चिमी विक्षोभ ने मंगलवार की शाम से मौसम का रुख बदलना शुरू कर दिया है। पश्चिम की ओर से शुरू हुई ठंडी और सूखी हवाओं का चलना जारी है। रात से गिरना शुरू हुए तापमान का असर बुधवार की सुबह भी दिखा। सुबह के 10 बजे तक तापमान 19 डिग्री सेल्सियस पर आ गया था। इन हवाओं के चलते आज दिन का अधिकतम तापमान भी मंगलवार की अपेक्षा कुछ कम होने का अनुमान है। फिलहाल आसमान साफ होने से दृश्यता भरपूर है। ग्रामीण क्षेत्रों में हल्की धुंध देखी गई।

मंगलवार की सुबह तक दक्षिण पश्चिम की ओर से आई आर्द्रता से भरपूर नम हवाओं का बना रहा डेरा पूर्वोत्तर की ओर बढ़ गया। अब उसकी जगह पश्चिम की ओर से चल रही ठंडी और सूखी हवा ने ले लिया है। पश्चिम की ओर से आए इस विक्षोभ का घेरा फिलहाल 80 अंंश देशांतर और 27 अंश अक्षांश पर यानी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, अलीगढ़ के आसपास बना आसमान में तीन किमी ऊपर बना हुआ है। मंगलवार की शाम से ही उसका बनारस और पूर्वी उत्तर प्रदेश में दिखने लगा है। अब तक कई दिनों से तीन से छह किमी प्रति घंटा के वेग पर लगभग स्थिर दक्षिणी-पश्चिमी हवाओं का घेरा हटते ही लगभग 15-16 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से पछुआ हवाएं चलने लगी हैं। इनकी वजह से दो दिनों में बढ़ा तापमान भी कुछ नीचे आ गया।

मंगलवार को अधिकतम तापमान 27.6 डिग्री सेल्सियस रहा तो वहीं न्यूनतम घटकर 13.8 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। काशी हिंदू विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय ने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक पहुंचे पश्चिमी विक्षोभ के यहां तक पहुंचने में दो दिन लग सकता है। विक्षोभ के यहां पहुंचने पर पहले तो थोड़ी सी गर्मी और उमस बढ़ेगी, उसके बाद ठंड जोर पकड़ेगी। इसलिए लोगोंं को सावधान रहने की आवश्यकता है। प्रो. पांडेय बताते हैं कि इस विक्षोभ के बाद एक और विक्षोभ आएगा, जो अभी हमसे काफी दूर है और लगभग 5.50 किमी ऊपर है।

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