Varanasi City Weather Update : तेज धूप के साथ ही तापमान भी बढ़ा, लोकल हीटिंग का असर बरकरार
Varanasi City Weather Update गुरुवार आसमान से बादलों का डेरा हट जाने से सुबह से ही तेज धूप के कारण तापमान में उछाल भी देखने को मिल रहा है। प्रसिद्ध मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय ने बताया कि एक-दाे दिन बाद फिर से अधिकतम तापमान में बढ़ाव होगा।
वाराणसी, जेएनएन। Varanasi City Weather Update : आसमान में बादल छाने के कारण बुधवार को अधिकतम पारा लुढ़क कर 36.6 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। हालांकि न्यूनतम तापमान में उछाल रहा। गुरुवार आसमान से बादलों का डेरा हट जाने से सुबह से ही तेज धूप के कारण तापमान में उछाल भी देखने को मिल रहा है। प्रसिद्ध मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय ने बताया कि एक-दाे दिन बाद फिर से अधिकतम तापमान में बढ़ाव होगा। मंगलवार को अधिकतम तापमान 41.6 डिग्री सेल्सियस था जो पांच डिग्री घटकर गया। वहीं न्यूनतम तापमान 21.4 डिग्री सेल्सियस था जो बढ़कर 25.8 डिग्री हो गया था। बुधवार को आसमान में बादल छाने के कारण पारे में उतार-चढ़ाव हुआ। इसके बाद गुरुवार को सुबह अधिकतम तापमान 37 डिग्री के आसपास रहा।
मौसम विज्ञानी मान रहे हैं कि आंधी, अंधड़ और बादलों की लोकल हीटिंग की वजह से सक्रियता का दौर अब शुरू हो चुका है। दस दिनों के बाद आंधी और बादलों की रह रहकर सक्रियता अब आम हो जाएगी। जून के पहले पखवारे तक यही हाल रहेगा, इसके बाद जून के दूसरे पखवारे से मानसून के आगमन के साथ ही आसमान से बरसती आंच से भी राहत मिलने लगेगी।
मौसम के बदलते स्वरूप से गेहूं की कटाई व मड़ाई को लेकर परेशान दिखे अन्नदाता
बुधवार की सुबह अचानक मौसम का मिजाज बिगड़ गया। बादल देख अन्नदाताओं के चेहरे की रंगत फीकी पड़ गई। क्योंकि रबी की मुख्य फसल गेहूं की कटाई व मड़ाई का कार्य अभी लगभग 10 फीसद बाकी है। इस बार फसल भी अच्छी रही। पंचायत चुनाव की बहार के बाद भी किसान अपनी गाढ़ी कमाई को जल्द से जल्द अपने घरों में सुरक्षित करने में लग गए हैं। कंबाइन मशीन और हाथ से कटाई के बाद मड़ाई का भी कार्य तेजी से चल रहा है। ऐसे में मौसम में उलटफेर के संकेत ने 10 फीसद किसानों परेशान करके रख दिया। किसान कटाई व मड़ाई को पूरे दिन डटे रहे। सुबह घने बादल देख किसानों के चेहरे पर पसीना आ गया। तेज पुुरुवा हवा चलने के कारण गेहूं के डंठल में नमी से मड़ाई धीमी हो गई। दिन-भर बादलों की आंख मिचौली के कारण किसानों की धड़कनें तेज होती रहीं।