Varanasi City Weather Update : पूर्वांचल में ठंड ने तलाश लिया ठांव, अंगद की तरह जम गए पांव
मौसम का रुख सप्ताह भर से ऐसा बदला हुआ है मानो ठंड ने वापसी की जिद छोड़ दी हो। वाातारण मेंं घुली ठंड का तासीर सुबह शाम और रात को गलन का बखूबी अहसास करा रही है और लोगों को कंपा भी रही है।
वाराणसी, जेएनएन। मौसम का रुख सप्ताह भर से ऐसा बदला हुआ है मानो ठंड ने वापसी की जिद छोड़ दी हो। वाातारण मेंं घुली ठंड का तासीर सुबह शाम और रात को गलन का बखूबी अहसास करा रही है और लोगों को कंपा भी रही है। मौसम का रुख ऐसा है कि आधी रात के बाद से कोहरा छा रहा है और सुबह तक उसकी कैद में समूचा पूर्वांचल होने के साथ ही वातावरण को गलन में डुबो दे रहा है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार अगले दो तीन दिन तक मौसम का रुख ऐसा ही बना रहेगा और इसके बाद मौसम का रुख बदलेगा और ठंड का दौर खत्म होने के साथ ही फरवरी के दूसरे सप्ताह से गुलाबी ठंड का दौर शुरू हो जाएगा।
रविवार की सुबह भी कोहरे की चादर में लिपटी रही। तड़के आसमान में सघन कोहरा रहा तो रोशनी खिलते ही वातावरण में ठंड घुल गई और आसमान में कोहरे की चादर ने जमीन तक अपना असर दिखाया। हालात ऐसे रहे कि सुबह लोगों को घने कोहरे में वाहनों के फॉग लाइट जलाकर सफर करना पड़ा। मौसम विज्ञानियों के अनुसार मौसम का यह रुख पश्चिमी विक्षोभ के असर से हुआ है। आगे भी पश्चिमी विक्षोभ का असर पहुंचने की ओर है। जिससे दोबारा मौसम का रुख बदलने की ओर जल्द ही हो जाएगा। इसकी वजह से दिन में आसमान साफ होगा तो रातें सर्द हो जाएंगी और बादलों की भी आवाजाही का दौर शुरू हो जाएगा।
बीते चौबीस घंटों में अधिकतम तापमान 19.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से चार डिग्री कम रहा, न्यूनतम तापमान 11.2 डिग्री सेल्सियस रहा जो सामान्य से दो डिग्री अधिक रहा। आर्द्रता इस दौरान अधिकतम 93 फीसद और न्यूनतम 75 फीसद दर्ज की गई। मौसम विभाग की ओर से जारी सैटेलाइट तस्वीरों के अनुसार पूर्वांचल में आसमान साफ है। मौसम विज्ञानी मान रहे हैं कि आने वाले दिनों में मौसम साफ होगा लेकिन ठंड अभी एक पखवारे तक अपना असर दिखाती रहेगी। जिसकी वजह से गर्म कपड़ों और रजाई का दौर फरवरी माह के अंत तक बना रहेगा।
फिलहाल पश्चिमी विक्षोभ का एक झोंका पहाडों से होता हुआ तिब्बत के रास्ते आगे बढ़ गया है। जिसका प्रभाव उत्तर भारत में गलन और कोहरे के रूप में देखने को मिल रहा है। हालांकि, इसका असर कम होते ही तापमान में इजाफा होगा और पछुआ हवाओं से दिन में ठंड का असर होगा और गलन कम होती चली जाएगी। इसके पीछे सप्ताह भर तक पश्चिमी विक्षोभ का असर नहीं आने से ठंड का असर अस्थाई रहेगा। इसके बाद मौसम बदला तो ठंड और बादलों की सक्रियता भी फरवरी के पहले सप्ताह तक हो सकती है। इसके बाद बसंत का सुहावना मौसम पूर्वांचल में शुरू हो जाएगा।
बोले मौसम विज्ञानी
बीएचयू के मौसम विज्ञानी प्रो. मनोज श्रीवास्तव के अनुसार ठंड भले ही कम हुई हो, मगर गलन और सिहरन का दौर अभी लंबा चलेगा। आज सुबह जिस तरह से ठंडक बढ़ी है उससे आसार है कि जल्द ही मौसम और भी खराब होगा। अधिकतम तापमान में उतार- चढ़ाव बने रहने की संभावना है, जिससे मौसम संबंधी कई परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं। फिलहाल पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव अभी बरकरार है। जैसे ही हिमालयी क्षेत्र में बर्फबारी तेज होगी पश्चिमी विक्षोभ के सहारे उसका असर बनारस तक देखा जाएगा, जिससे पारा गिरकर कोल्ड वेव का वातावरण यहां पर तैयार होगा।