Varanasi City Weather Update : मानसूनी द्रोणिका ने बादलों की बढ़ाई सक्रियता, तापमान में आई कमी

पूर्वांचल में मौसम का रुख इन दिनों बदला हुआ है आने वाले दिनों में मौसम का रुख बदलेगा मगर उससे पहले बारिश का भरपूर दौर रहेगा। मौसम में कुछ दिनों से यह बदलाव मानसूनी द्रोणिका बनी होने से शुरू हुआ है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 09:28 AM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 09:28 AM (IST)
Varanasi City Weather Update : मानसूनी द्रोणिका ने बादलों की बढ़ाई सक्रियता, तापमान में आई कमी
माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में तापमान में भी कमी आएगी।

वाराणसी, इंटरनेट डेस्‍क। पूर्वांचल में मौसम का रुख इन दिनों बदला हुआ है, आने वाले दिनों में मौसम का रुख बदलेगा मगर उससे पहले बारिश का भरपूर दौर रहेगा। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में तापमान में भी कमी आएगी। मौसम में कुछ दिनों से यह बदलाव मानसूनी द्रोणिका बनी होने से शुरू हुआ है। मानसूनी द्रोणिका पश्चिम बंगाल से शुरु होकर गंगा के दक्षिण तक बनी हुई है। इसकी वजह से एक अक्षीय रेखा में बारिश और बूंदाबांदी का दौर चल रहा है। मानसूनी द्रोणिका यानि मानसूनी ट्रफ का दौर बना रहने से माना जा रहा है कि अगले चार दिनों तक मौसम का यही रुख बना रहेगा। इसके बाद मौसम साफ होगा और वातावरण में नमी का स्‍तर बढ़ने पर बारिश का दौर भी आएगा। 

शनिवार को मौसम का रुख बादलों का बना रहा, सुबह से ही आसमान बादलों की कैद में रहा। सुबह कई इलाकों में बूंदाबांदी का दौर रहा तो कुछ इलाकों में झमाझम बरसात मानसूनी द्रोणिका बनी होने की वजह से हो रही है। वातावरण में पर्याप्‍त नमी का रुख बना हुआ है और मौसम का रुख बादलों और बूंदाबांदी की वजह से सर्द हो चला है। सुबह ठंडी हवाओं का रुख रहने से माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में मौसम का रुख दोबारा बदलेगा और बारिश का दौर बना रहेगा। 

बीते चौबीस घंटों में अधिकतम तापमान 33.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्‍य से दो डिग्री कम रहा। न्‍यूनतम तापमान 24 डिग्री डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्‍य से दो डिग्री कम रहा। आर्द्रता अधिकतम 92 फीसद और न्‍यूनतम 83 फीसद दर्ज की गई। मौसम विभाग की ओर से जारी सैटेलाइट तस्‍वीरों में पूर्वांचल में आसमान बादलों से भरा हुआ है। मौसम विभाग ने अगले चार दिनों तक बादलों की आवाजाही और बादलों की सक्रियता का अंदेशा जताया है। मानसूनी द्रोणिका बनी होने की वजह से गंगा के तटवर्ती इलाकों में बादलों की सक्रियता और बूंदाबांदी का रुख बना हुआ है।

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