Varanasi City Weather Update : धूप छांव के मेल में उमस फेल, मानसूनी द्रोणिका की बढ़ी सक्रियता
आसमान में बादलों की आवाजाही बनी रही। सुबह मौसम का रुख बदला हुआ रहा। थोड़ी उमस और बादलों की सक्रियता के साथ ही धूप भी पर्याप्त रही। सुबह सात बजे के बाद धूप छांव का रुख शुरू होने के बाद भी ठंडी हवाओं का रुख लोगों को राहत देता रहा।
वाराणसी, जेएनएन। मौसम विभाग के अनुमानों के अनुसार ही मौसम का रुख अब धीरे धीरे ठंड की ओर होता जा रहा है। आने वाले दिनों में मौसम का रुख भी लगातार ठंड की ओर होगा और उमस में भी पखवारे भर के बाद पूरी तरह कमी आ जाएगी। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में बारिश भी पर्याप्त होगी और उमस से राहत की वजह से सुबह की ठंड भी गुलाबी ठंडक में बदल जाएगी। इसके बाद सितंबर माह से ठंडक का अहसास शुरू हो जाएगा। मौसम विभाग की ओर से जारी आंकड़े बताते हैं कि अब तक मानसून अपने सही समय से चल रहा है। आगे भी यही रुख कायम रहा तो ठंड का असर भी जल्द आएगा।
शुक्रवार की सुबह आसमान में बादलों की आवाजाही बनी रही। सुबह मौसम का रुख बदला हुआ रहा। थोड़ी उमस और बादलों की सक्रियता के साथ ही धूप भी पर्याप्त रही। सुबह सात बजे के बाद धूप छांव का रुख शुरू होने के बाद भी ठंडी हवाओं का रुख लोगों को राहत देता रहा। वातावरण में नमी का स्तर बढ़ा हुआ है ऐसे में बादलों की सक्रियता भी बनी रहने से धूप छांव का असर दिन भर बना रहने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि सप्ताह भर के बाद तापमान में और भी कमी आती जाएगी। इसके बाद मौसम का रुख और बेहतर हो जाएगा।
बीते चौबीस घंटों में अधिकतम तापमान 31.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से दो डिग्री कम रहा, न्यूनतम तापमान 24.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से दो डिग्री कम रहा। आर्द्रता अधिकतम 90 फीसद और न्यूनतम 85 फीसद दर्ज की गई। मौसम विभाग की ओर से जारी सैटेलाइट तस्वीरों में पूर्वांचल और आसपास बादलों की सक्रियता बनी हुई है। जबकि मौसम विभाग ने इस पूरे सप्ताह बादलों की सक्रियता का अंदेशा जताया है। जबकि वातावरण में नमी का स्तर लगातार बढ़ा होने की वजह से वातावरण में बादलों की सक्रियता का दौर अगले चार से पांच दिनों तक बना रहेगा।
मानसूनी द्रोणिका : स्काई मेट वेदर की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार मानसूनी ट्रफ़ रेखा (मानसूनी द्रोणिका) फ़िरोज़पुर, हिसार, मेरठ, हरदोई, वाराणसी, गया से गुजर रही है, जो गंगा से छूते हुए पश्चिम बंगाल के ऊपर कम दबाव वाले क्षेत्र पर केंद्रित है और फिर दक्षिण-पूर्व की ओर बंगाल की उत्तर पूर्व की खाड़ी की ओर जा रही है। इसकी वजह से मानसूनी सक्रियता इन इलाकों में बूंदाबांदी करा रही है।