उच्च न्यायालय ने ली खोज खबर, बिना मानक चल रहे वाराणसी के हॉस्पिटल तथा डायग्नोस्टिक सेंटर

प्रदेश में आए दिन दुखद हादसों के कारण अग्निशमन विभाग अति प्रासंगिक हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में ही चिकित्सा की जिम्मेदारी उठा रहे अनेकों हॉस्पिटल तथा डायग्नोस्टिक सेंटरों के लिए अग्निशमन विभाग कोई मायने नहीं रखता।

By Abhishek sharmaEdited By: Publish:Wed, 20 Jan 2021 12:58 PM (IST) Updated:Wed, 20 Jan 2021 12:58 PM (IST)
उच्च न्यायालय ने ली खोज खबर, बिना मानक चल रहे वाराणसी के हॉस्पिटल तथा डायग्नोस्टिक सेंटर
बिना अग्निशमन विभाग की एनओसी के किसी भी अवस्था में कोई भी संस्था स्थापित नहीं की जा सकती।

वाराणसी, जेएएन। प्रदेश में आए दिन दुखद हादसों के कारण अग्निशमन विभाग अति प्रासंगिक हो चुका है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में ही चिकित्सा की जिम्मेदारी उठा रहे अनेकों हॉस्पिटल तथा डायग्नोस्टिक सेंटरों के लिए अग्निशमन विभाग कोई मायने नहीं रखता। कुछ दिनों से सूचना के आधार पर प्राप्त जानकारी के अनुसार वाराणसी के संजय कुमार सिंह ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका प्रस्तुत कर, इस बात की जानकारी दी है।

उच्च न्यायालय ने 18 जनवरी को इस विषय का संज्ञान लिया है। मुख्य न्यायाधीश सौरभ श्याम शमश्री तथा गोबिंद माथुर की बड़ी बेंच ने इस विषय मेंं रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। ज्ञात हो कि पिछले कुछ दिनों से क्षेत्र के मुख्य चिकित्सा अधिकारी तथा अग्निशमन विभाग से सूचना के अधिकार के तहत वाराणसी में कार्य कर रहे हॉस्पिटल तथा डायग्नोस्टिक सेंटर को किस आधार पर मान्यता दी जा रही है, यह जानकारी मुहैया कराई गई थी।कागजों के हेरफेर या गलत तरीके से मान्यता प्राप्त कर के हॉस्पिटल और डायग्नोस्टिक सेंटर खोलने की बात सामने आने पर माननीय उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता धनंजय सिंह यादव के द्वारा इस गंभीर समस्या को उठाया गया था।

क्‍लीनिकल एंड रजिस्ट्रेशन एक्ट 2010 के अनुसार बिना अग्निशमन विभाग की एनओसी के किसी भी अवस्था  में कोई भी संस्था स्थापित नहीं की जा सकती। इस संबंध में समय- समय पर विज्ञापन, जिसमें उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय का आदेश लगा रहता है विभाग द्वारा जारी किया जाता रहा है। इस मामले में कई विभागों की संलिप्तता उजागर होने की संभावना है।

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