मीरजापुर में मिले दो युवकों के अधजले शवों के मामले में सीडीआर ने उगले राज, पांच गिरफ्तार

मीरजापुर के अहरौरा में मिले दो युवकों के अधजले शवों के मिलने के मामले का कोतवाली पुलिस ने मंगलवार को राजफाश किया है। मई 2017 में चौक के राजादरवाजा में झोला व्यापारी मोहन निगम की हुई हत्या के प्रतिशोध में दोनों युवकों की हत्या को अंजाम दिया गया था।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 19 Jan 2021 08:43 PM (IST) Updated:Tue, 19 Jan 2021 08:44 PM (IST)
मीरजापुर में मिले दो युवकों के अधजले शवों के मामले में सीडीआर ने उगले राज, पांच गिरफ्तार
अहरौरा क्षेत्र में हिस्ट्रीशीटर सहित दोहरे हत्याकांड के आरोपितो को पुलिस ने किया गिरफ्तार।

वाराणसी, जेएनएन। मीरजापुर के अहरौरा में मिले दो युवकों के अधजले शवों के मिलने के मामले का कोतवाली पुलिस ने मंगलवार को राजफाश किया है। मई 2017 में चौक के राजादरवाजा में झोला व्यापारी मोहन निगम की हुई हत्या के प्रतिशोध में दोनों युवकों की हत्या को अंजाम दिया गया था। इसकी साजिश झोला व्यापारी के साले सुनील निगम ने रची थी। पुलिस ने इस संबंध में चौक के हड़हा क्षेत्र निवासी सुनील समेत सिगरा के रमाकांत नगर निवासी नीरज पांडेय, चंदौली के बबुरी थानांतर्गत परवेज, रामनगर के सूजाबाद के दिलशेर अहमद व रमाकांत नगर के गुड्डू भारद्वाज को गिरफ्तार किया।  पुलिस को यह सफलता आरोपित नीरज पांडेय के मोबाइल फोन के काल डिटेल के आधार पर मिली। इनके कब्जे से दो बाइक, शुभम का आधार कार्ड, हेलमेट, रवि की जैकेट बरामद हुई।

दरअसल, गोला दीनानाथ निवासी शुभम केशरी झोला व्यापारी मोहन निगम की दुकान पर काम करता था। किसी काम के लिए उसने झोला व्यापारी से 90 हजार रुपये उधार लिए थे। इसी के तगादा को लेकर व्यापारी ने शुभम व उसके परिवारीजन की बेइज्जती की थी। इसी खुन्नस में शुभम ने अपने साथी संजय यादव के साथ मिलकर झोला व्यापारी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड में शुभम अपने साथी संग गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। कोरौना काल में वह पैरोल पर जेल से छूटा था। शुभम की दोस्ती महमूरगंज स्थित गोपाल विहार कालोनी के रवि पांडेय से थी। रवि भी पहले बुलानाला क्षेत्र में ही रहता था। रवि का कोई आपराधिक इतिहास नहीं था लेकिन उसकी संगम ऐसी प्रवृति के लोगों से थी।

दो माह पूर्व रची गई थी साजिश

झोला व्यापारी की हत्या का बदला लेने के लिए उनके साले सुनील निगम ने दो माह पूर्व ही साजिश रची थी।  साजिश का अंजाम तक पहुंचाने के लिए उसने बहनोई मोहन निगम की दुकान में काम करने वाले आरोपित नीरज पांडेय को तैयार किया। उसने कहा कि वह शुभम से दोस्ती करे। इसके लिए जो खर्चा होगा वह देने के लिए तैयार है। इसके बाद नीरज ने अपने मोहल्ले के करीम अहमद को तैयार किया। करीम ने दालमंडी के एक बदमाश से बात की लेकिन शुभम से परिचित होने के कारण उसने इस काम में शामिल होने से इन्कार कर दिया। इसके बाद करीम ने दिलशेर को इसके लिए तैयार किया। पांच लाख में शुभम की हत्या करने का सौदा तय हुआ। साजिश के तहत नीरज ने शुभम से निकटता बनानी शुरू कर दी। कुछ ही दिनों में नीरज से उसकी अच्छी दोस्ती हो गई। दिलशेर को शुभम पहले से जानता था। दिलशेर भी हत्या के प्रयास के मामले में आठ महीने तक जेल में था। गत 22 दिसंबर को मुर्गा, शराब की दावत व एक लड़की से मिलने के बहाने आरोपितों ने शुभम को रमाकांत नगर स्थित एक फ्लैट में बुलाया। नीरज इस फ्लैट का केयरटेकर भी है। उस दिन शुभम के साथ रवि पांडेय भी आ गया था। दावत के दौरान ही शुभम की अलग कमरे में गला घोंट कर हत्या कर दी गई। रवि ने को इस बात की जानकारी हुई तो वह चिल्लाने लगा। इस पर उसकी भी गला दबाकर हत्या कर दी गई।

सुपारी के दो लाख रुपये ही मिल पाए थे

शुभम से बदला लेने के लिए पांच लाख की सुपारी तय थी। इसके लिए एक लाख रुपये एक मुश्त पर दिए गए। इसके बाद 10-10 हजार रुपये दिए जा रहे थे। करीब दो लाख 20 हजार रुपये आरोपितों को मिल चुके थे। बाकी रुपये बाद में देने की बात तय हुई थी। रुपये लेनदेन का काम सनील निगम का व्यापारिक साथी परवेज करता था। परवेज भी झोले कारोबार करता है।

सुनील चला गया था कोलकाता

वारदात के दौरान व्यापार का बहाना बनाकर झोला व्यापारी मोहन निगम का साला सुनील निगम कोलकाता चला गया था। कोलकाता से जब वह ट्रेन से लौट रहा था तो उसे मोबाइल फोन पर काल कर बदमाशों ने जानकारी दी थी कि शुभम के साथ उसके दोस्त रवि की भी हत्या कर दी गई है। इसके बाद सुनील यहां पहुंचा तो दोनों के शवों को ठिकाने लगाने के लिए एक मैजिक गाड़ी किराए पर ली गई और 23 दिसंबर को दोनों के शवों को मीरजापुर के अहरौरा में खाई में चादर व गद्दा में लपेट कर फेंक दिया गया। शुभम व रवि के मोबाइल फोन को गंगा में फेंक में फेंक दिया गया था। मैजिक दिलाने व गंगा में मोबाइल फेंकने के लिए आरोपित गुड्डू भारद्वाज के ई रिक्शा का प्रयोग किया गया था। आरोपित मोबाइल फोन पर आपस में बात नहीं करते थे।

दुकान से लिया था 10 लीटर तेजाब

दोनों शवों की शिनाख्त न हो सके इसके लिए आरोपितों ने एक दुकान से 10 लीटर तेजाब खरीदा था। गत पांच जनवरी को किराए की दो कार से आरोपित अहरौरा गए और दोनों शवों को तेजाब से जला दिया था।

मीरजापुर में थी लोकेशन

उधर, रवि पांडेय के घर न लौटने पर उसकी बड़ी बहन प्रतिमा ने भेलूपुर थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पुलिस को पता चला था कि दिलशेर के साथ शुभम की दोस्ती थी और दोनों को साथ घूमते हुए भी लोगों ने देखा था। इस पर पुलिस ने सबसे दिलशेर के घर पर दबिश दी तो पता चला कि वह 22 व 23 दिसंबर को घर पर नहीं था। संदेह पुख्ता होने पर पुलिस ने दिलशेर से पूछताछ की तो नीरज पांडेय के बार में जानकारी हासिल हुई। इसके बाद हत्या के तार जुडऩे लगे। रवि का पुलिस पता लगा रही थी कि तभी अहरौरा में रवि व शुभम के शव मिले हैं। इसके बाद नीरज पांडेय के मोबाइल फोन को ट्रेस किया गया तो पांच जनवरी को शव जलाने के दिन उसकी लोकेशन मीरजापुर में मिली थी। संदेह पुख्ता होने पर भेलूपुर पुलिस ने आरोपितों को कोतवाली थाने को सौंप दिया। पुलिस ने कड़ाई की तो हत्या के तार खुलने लगे। रवि पांडेय के हाथ पर आयुषि के टैटू से उसकी बहन ने शव की शिनाख्त की थी। 

इनकी है तलाश

दोहरे हत्याकांड का मामला 18 जनवरी को अहरौरा थाने से कोतवाली स्थानांतरित कर दिया गया था। इस मामले में पांच आरोपितों के अलावा करीब अहमद फरार चल रहा है। पुलिस को इसके अलावा मैजिक व उसके चालक, शव को तेजाब से जलाने के लिए किराए पर ली गई दो कार व उसके चालक सहित तेजाब बेचने वाले की तलाश है।

बाइक का बदल दिया था रंग

दोनों शवों को ठिकाने लगाने के लिए चार आरोपित मैजिक से तो सुनील समेत दो बाइक से अहरौरा गए थे। शव ठिकाने लगाने के बाद उन्होंने पहचान छुपाने के लिए सफेद बाइक को काले लाल में रंगवा दिया था। 

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