वाराणसी में बारिश का 43 साल का रिकार्ड टूटा, 404 मिलीमीटर दर्ज की गई बारिश
बनारस में कल चौबीस घंटे में इतिहास की सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई। कल पूरे दिन में 404 मिलीमीटर बारिश हुई जबकि इससे पहले 1978 में रिकार्ड 245 एमएम का था। वहीं आज सुबह तक के आंकड़े जोड़कर 590 मिलीमीटर बारिश हुई है।
वाराणसी, जेएनएन। बनारस में गुरुवार को चौबीस घंटे में इतिहास की सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई। कल पूरे दिन में 404 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि इससे पहले 1978 में रिकार्ड 245 एमएम का था। वहीं आज सुबह तक के आंकड़े जोड़कर 590 मिलीमीटर बारिश हुई है। वहीं गुरुवार सुबह से दोपहर तक में ही तेज गर्जना के साथ हुई मूसलाधार बारिश ने बीते दस वर्षाें का रिकार्ड तोड़ दिया था। बारिश का ऐसा क्रम चला कि देखते ही देखते पूरा शहर पानी पानी हो गया और बारिश के रिकार्ड दशक दर दशक टूटते चले गए। अगर दो दिनों का आंकड़ा देखें तो यह अब तक का रिकार्ड है। हालांकि, चौबीस घंटों के बारिश के लिहाज से यह चार दशक में पहला बड़ा आंकड़ा बारिश का है।
दिन में ढ़ाई बजे तक 126 मिलीमीटर वर्षा हुई। जबकि शाम तक यह लगभग 150 मिलीमीटर को भी पार कर गई। साल 2015 में अधिकतम 105 मिलीमीटर बारिश हुई थी, जबकि पिछले साल जून में अधिकतम वर्षा 64.3 मिलीमीटर ही हुई थी। बीएचयू के मौसम विज्ञानी प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव के अनुसार बंगाल की खाड़ी की ओर से आ रहा बादल कभी भी बनारस पहुंच सकता है। यह वृहद टूकड़ा पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश में भारी वर्षा करा सकता है। आज चमक-गरज वाली घनघोर वर्षा हो सकती है। उनका कहना है कि इससे करीब पांच दिन की बारिश होगी ।
आज रात से सुबह तक बनारस में 186 मिलीमीटर बारिश हुई। जबकि बादलों का साया अभी तक बनारस को घेरे है। एक ओर जहां इस लुभावने मौसम ने लोगों के मन को सुहाना कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर पूरी काशी जल प्लवित हो चुकी है। दक्षिणी पश्चिमी मानसून की तीव्रता धीरे-धीरे बढ़ रही है। एक ओर जहां अधिकतम तापमान सामान्य से 12 डिग्री कम 27 डिग्री तो वहीं न्यूनतम तापमान भी सामान्य से तीन डिग्री कम 24 डिग्री सेल्सियस पर दर्ज किया गया। इसके अतिरिक्त बनारस में आर्द्रता 98 और हवाओं की गति अधिकतम 24 किलोमीटर प्रति घंटे तक मांपी गई।
मौसम विभाग का अलर्ट : मौसम विज्ञान विभाग ने इस पूरे सप्ताह बादलों की आवजाही और बारिश का संकेत दिया है। मौसम का रुख ऐसा ही बना रहा तो आने वाले दिनों में बारिश का क्रम और भी आगे तक रहेगा। इस पूरे मानसूनी सत्र में मौसम विज्ञानी मानसून के पूरी तरह सक्रिय रहने का अनुमान जाहिर किया है। इसकी वजह से बारिश का दौर आगे भी शहर को चुनौती देता नजर आएगा।