वाराणसी और मीरजापुर में गंगा नदी में हरे शैवाल आने के वजह की जांच का दौर शुरू
गंगा नदी में पिछले एक पखवारा से हरे शैवाल मिलने पर क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जांच कराई गई थी। लेकिन मूल वजह की जानकारी नहीं हो पाई थी। इधर बीच पुनः हरे शैवाल गंगा नदी में 03-04 दिनों से ज्यादा मात्रा में दिख रहे हैं।
वाराणसी, जेएनएन। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के निर्देश के क्रम में अपर नगर मजिस्ट्रेट (द्वितीय) महेंद्र कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में सहायक पुलिस आयुक्त (दशाश्वमेघ) अवधेश पांडेय सहित अधिकारियों की टीम ने मंगलवार को खिड़कियां घाट से मिर्जापुर तक गंगा नदी में विभिन्न स्थानों पर जहां-जहां पानी हरा मिला सैंपलिग की।
गंगा नदी में पिछले एक पखवारा से हरे शैवाल मिलने पर क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जांच कराई गई थी। लेकिन मूल वजह की जानकारी नहीं हो पाई थी। इधर बीच पुनः हरे शैवाल गंगा नदी में 03-04 दिनों से ज्यादा मात्रा में दिख रहे हैं। इसकी विस्तृत जांच किया जाना आवश्यक होने के दृष्टिगत जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने सोमवार को ही अपर नगर मजिस्ट्रेट (द्वितीय), क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सहायक पुलिस आयुक्त (दशाश्वमेघ), अधिशासी अभियन्ता बन्धी प्रखण्ड एवं महाप्रबन्धक गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई की पांच सदस्यी टीम गठित कर नाव के माध्यम से गंगा नदी की धारा में जाकर गंगा नदी में हरे शैवाल पाए जाने के संबंध में इसके उद्गम, स्रोत तथा गंगा घाटों तक इनके पहुंचने के कारणों की जांच कर तीन दिनों के अंदर रिपोर्ट तलब की थी।
इसके साथ ही गंगा नदी में समस्त आवश्यक भ्रमण करते हुए मय फोटोग्राफ्स तथा वीडियोग्राफ्स अपनी संयुक्त तथ्यात्मक जॉच आख्या तथा इसके निवारण के विकल्प 10 जून की सायंकाल तक उन्हें हर हालत में उपलब्ध कराए जाने का टीम के अधिकारियों को निर्देश दिया था।