वाराणसी का एयर क्वालिटी इंडेक्स आंखों में झोंक रहा धूल, प्रदूषण में 92 फीसद हिस्सा धूल कणों का

पर्यटन और आस्था के शहर बनारस को बिना धूल और मिट्टी के आज नहीं निहारा जा सकता। घाट से लेकर मंदिर तक पहुंचने के रास्ते प्रचंड धूल व गंदगी से होकर गुजरते हैं। बनारस का एयर क्वालिटी इंडेक्स शनिवार को 134 पर रहा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 07:35 AM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 10:02 AM (IST)
वाराणसी का एयर क्वालिटी इंडेक्स आंखों में झोंक रहा धूल, प्रदूषण में 92 फीसद हिस्सा धूल कणों का
बनारस में प्रदूषण के सबसे अहम कारक पीएम 10 जिसमें मुख्यत: धूल कण आते हैं।

वाराणसी [हिमांशु अस्थाना]। पर्यटन और आस्था के शहर बनारस को बिना धूल और मिट्टी के आज नहीं निहारा जा सकता। घाट से लेकर मंदिर तक पहुंचने के रास्ते प्रचंड धूल व गंदगी से होकर गुजरते हैं। अब आते हैं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के समीर एप पर, जहां बनारस की हवा प्रदेश में सबसे शुद्ध  नजर आ रही है। बनारस का एयर क्वालिटी इंडेक्स शनिवार को 134 पर रहा।

इन आंकड़ों को देखने के बाद जब जनता सड़कों पर निकलती है तो धूल और मिट्टी का लबादा ओढ़े घर व आफिस तक पहुंचती है। वास्तव में ये इंडेक्स काशीवासियों की आंखों में ही धूल झोंक रहा है। जिन हानिकारक तत्वों का बनारस के प्रदूषण में 90 फीसद से अधिक हिस्सेदारी है, उन तत्वों का मापन ही एयर क्वालिटी इंडेक्स में नहीं हो रहा है। बनारस में प्रदूषण के सबसे अहम कारक पीएम 10 जिसमें मुख्यत: धूल कण आते हैं। इस इंडेक्स में पीएम 2.5, नाइट्रोजन आक्साइड और ओजोन के आंकड़े ही प्रदर्शित हो रहे हैं। सूत्रों की माने तो पीएम 10 की मानिटङ्क्षरग वाला सेंसर या तो काम नहीं कर रहा है या फिर स्थिति खराब होने से बंद कर दिया गया है। क्लाइमेट एजेंडा की प्रमुख और पर्यावरणविद एकता शेखर ने बताया कि उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार बनारस में 92 फीसद प्रदूषण धूल कणों से फैल रहा है। तीन फीसद लकड़ी के चूल्हे से, दो फीसद वाहनों से निकले धूएं और दो फीसद ही कूड़ा जलाने फैल रहा है। शहर में जगह-जगह निर्माण कार्य के लिए जो गड्ढे खोदे गए या तो उन्हें वैसे ही छोड़ दिया गया या फिर उनकी मिट्टी सड़कों पर फैल गईं। इससे  बचने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम करना होगा। विभागों का आपस में समन्वय बढ़ाने की खासा जरूरत है। 

रात में ट्रकों से बढ़ा धूल का तांडव

अब दिन ही नहीं बल्कि देर रात की सूनी सड़कों पर ट्रकों की आवाजाही से धूल का तांडव मचा हुआ है। नई सड़क से गोदौलिया और चौक, साजन सिनेमा से सिगरा चौराहे, लहरतारा से अंधरापुल, लंका से सामनेघाट, नदेसर से चौकाघाट और तेलियाबाग, आशापुर से पांडेयपुर आदि सडकें इसमें शामिल हैं। जनता कहती है कि क्यों आलाकमान को निर्माण कार्य करने वाले विभागों की लापरवाहियां नहीं दिखती। न तो कहीं पानी का छिड़काव और न ही सड़क के किनारे की मिट्टी ही साफ हो रही है।

एयर क्वालिटी इंडेक्स में पीएम-10 प्रदूषकों का मापन करने वाला मानिटरिंग सिस्टम मेंटेनेंस के दौर में है

एयर क्वालिटी इंडेक्स में पीएम-10 प्रदूषकों का मापन करने वाला मानिटरिंग सिस्टम मेंटेनेंस के दौर में है। जल्द ही ठीक हो जाएगा, वहीं बनारस में इस विकट परिस्थिति से बचने के लिए जल्द ही तीन और नए परिवेशीय वायु अनुश्रवण केंद्र की सथापना जल्द हो जाएगी। डिवाइडर के किनारों पर धूल हटाने के लिए मैकेनाइज्ड डस्ट क्लीनर काम कर रही है। वहीं चिन्हित इलाकों में पानी का छिड़काव जोरो पर है।

- कालिका सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, वाराणसी

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