वाराणसी के वायु प्रदूषण में आई मामूली कमी, सुधार के साथ एयर क्वालिटी इंडेक्स रहा 274
बनारस को प्रदूषण से कोई विशेष राहत मिलती नहीं दिख रही है। बुधवार को शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 274 रहा हालांकि मंगलवार से यह 18 अंक कम रहा। इस बीच पर्यावरणविदों का कहना है कि प्रदूषण में यह कमी मौसम के ठीक होने से आई है।
वाराणसी, जेएनएन। बनारस को प्रदूषण से कोई विशेष राहत मिलती नहीं दिख रही है। बुधवार को शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 274 रहा, हालांकि मंगलवार से यह 18 अंक कम रहा। इस बीच पर्यावरणविदों का कहना है कि प्रदूषण में यह कमी मौसम के ठीक होने से आई, जबकि बोर्ड के अधिकारियों का कहना है यह लगातार पानी के छिड़काव से संभव हो सका है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार बीएचयू जैसे ग्रीन कैंपस में प्रदूषण का स्तर मानक से ऊपर है। दो दिन पहले बीएचयू में पीएम 10 प्रदूषक तत्वों की मात्रा 230 से ज्यादा रही। वहीं शहर में पीएम 10 का स्तर 352 अंक तक दर्ज किया गया। सवाल यह है कि जब बोर्ड लगातार कार्रवाई करने की बात कर रहा है और प्रधानमंत्री मोदी के आगमन की तैयारियां जोरों पर है, उसके बावजूद शहर मेें प्रदूषण की यह भयावह स्थिति बनी हुई है। इसके अलावा शहर में इन दिनों जाम की स्थिति काफी खतरनाक हो चुकी है। गाडिय़ों के उत्सर्जित धुंएं श्वांस व अस्थमा रोगियों को ही नहीं, बल्कि स्वस्थ लोगों के लिए भी ङ्क्षचता का सबब बन गया है।एक बात बेहतर यह रही कि प्रादेशिक स्तर पर बनारस की हवा केवल मुरादाबाद से ही खराब रही। वहीं सबसे प्रदूषित हवा में गाजियाबाद और कानपुर सबसे अव्वल रहे। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी कालिका ङ्क्षसह ने बताया कि कल रात सेअर्दली बाजार में निर्माण कार्य शुरू हो गया है इसलिए स्थिति नियंत्रण में नहीं है। वहीं सूजाबाद से लेकर कई अन्य जगह निर्माण कार्य चल रहे हैं।
यदि ये निर्माण पूरे हो जाए तो निश्चित तौर पर बनारस का एयर क्वालिटी इंडेक्स 200 नीचे आ जाएगा। उन्होंने बताया कि सभी निर्माण स्थलों पर पानी छिड़काव करने के आदेश दे दिए गए हैं।
प्रदेश के अन्य शहरों की स्थिति
गाजियाबाद - 450
कानपुर - 402
ग्रेटर नोएडा - 400
नोएडा - 398
बागपत - 366
लखनऊ - 360
मेरठ - 334
मुज्जफरनगर - 333
आगरा - 321
मुरादाबाद - 270