Vaccination in Varanasi : टीका लगा ही नहीं और जेनरेट हो गया प्रमाण पत्र, पीएचसी काशी विद्यापीठ पहुंचे थे लाभार्थी

लाभार्थी को कोवैक्सीन के बदले दूसरी डोज में कोविशील्ड लगा देने का मामला अभी शांत नहीं हुआ था कि अब बिना टीका लगे प्रमाणपत्र जारी होने का मामला सामने आया। चार अंक का सीक्रेट कोड बताने के बाद भी पंजीयन करने वाला मोबाइल नंबर मांगा गया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 08:10 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 09:56 AM (IST)
Vaccination in Varanasi : टीका लगा ही नहीं और जेनरेट हो गया प्रमाण पत्र, पीएचसी काशी विद्यापीठ पहुंचे थे लाभार्थी
बिना टीका लगे प्रमाणपत्र जारी होने का मामला सामने आया।

वाराणसी, जेएनएन। लाभार्थी को कोवैक्सीन के बदले दूसरी डोज में कोविशील्ड लगा देने का मामला अभी शांत नहीं हुआ था कि अब बिना टीका लगे प्रमाणपत्र जारी होने का मामला सामने आया। चार अंक का सीक्रेट कोड बताने के बाद भी सिगरा क्षेत्र के राज कुमार यादव से पंजीयन करने वाला मोबाइल नंबर मांगा गया। न बता पाने पर स्वास्थ्य केंद्र से लौटा दिया गया। वे घर पहुंचते उससे पहले ही पड़ोसी के मोबाइल पर उनके प्रतिरक्षित होने का मैसेज पहुंच गया। बुधवार को जब उन्होंने स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर इस बात की शिकायत की, तो बिना लाग-लपेट उन्हें कोविशील्ड का पहला डोज लगा दिया गया।

जानकारी के मुताबिक मजदूरी कर गुजारा करने वाले सिगरा निवासी राजकुमार ने पहली खुराक का टीका लगवाने के लिए पड़ोसी की मदद ली। उनकी पंजीयन करते हुए 22 जून को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र काशी विद्यापीठ पर दोपहर एक से शाम चार बजे का स्लाट बुक किया गया। युवक ने सहुलियत के लिए अप्वाइंटमेंट स्लिप की फोटो कापी निकालकर राजकुमार को दी, जिस पर रिफरेंस आइडी नंबर के साथ ही चार अंकाें का सीक्रेट कोड अंकित था। दोपहर बाद जब वे स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचे तो उनसे पंजीयन करने वाला मोबाइल नंबर मांगा गया। पड़ोसी का नंबर उन्हें याद नहीं था, लिहाजा उन्हें बिना टीका लगाए लौटा दिया गया। कुछ ही देर पर पड़ोसी के मोबाइल नंबर पर टीकाकरण का मैसेज आया। लिंक पर क्लिक करते ही टीकाकरण प्रमाणपत्र डाउनलोड हो गया। लौटने पर युवक सहित अन्य ने टीका लगवाने की बधाई दी। इस पर राजकुमार ने बताया कि टीका तो उन्हें लगा ही नहीं। प्रमाणपत्र पर वैक्सीन का बैच नंबर 4121जेड101 एवं वैक्सीनेटर संगीता देवी का नाम होने के साथ ही अन्य डिटेल अंकित थे।

गलती करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी

कोविन पोर्टल पर लोड अधिक है। ऐसे में डाटा फीड करने वाले से त्रुटि संभव है। मामले की जांच कर गलती करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न होने पाए।

- डा. वीबी सिंह, सीएमओ-वाराणसी।

संदेह के आधार पर की है शिकायत

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चोलापुर में विगत मंगलवार को बड़ालालपुर स्थित वीडीए कॉलोनी निवासी दिलीप श्रीवास्तव टीकाकरण कराने पहुंचे और कोवैक्सीन की दूसरी डोज का टीका लगवाया। मगर कुछ ही फीट की दूरी पर लगाए जा रहे कोविशील्ड का वायल देखकर उन्हें कोविशील्ड लगाए जाने का संदेह हुआ। इसी के आधार पर उन्होंने गलत वैक्सीन लगाए जाने की शिकायत दर्ज कराई है। चोलापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डा. आरबी यादव ने बताया कि दिलीप श्रीवास्तव को सफेद रैपर की छोटी व चौड़ी वायल से कोवैक्सीन लगाया गया है। कोविशील्ड की वायल बड़ी तथा उसका कवर हरे रंग का होता है। उन्होंने मौके पर ही दोनों वैक्सीन का अंतर बताया गया था। ज्ञात हो कि दिलीप श्रीवास्तव की शिकायत पर सीएमओ डा. वीबी सिंह ने जांच का निर्देश दिया है।

दो वैक्सीन के मिक्स पर नहीं है कोई स्टडी

फाइजर व कोविशील्ड के कम्बीनेशन को लेकर यूके में ट्रायल हुए हैं, लेकिन कोवैक्सी व कोविशील्ड के कम्बीनेशन को लेकर अब तक कोई डेटा पब्लिश नहीं हुआ है। इसलिए लाभार्थी को पहली खुराक में कोवैक्सीन व दूसरे में कोविशील्ड दिए जाने के मामले में लेकर कुछ कहा नहीं जा सकता। यानी यह बताना मुश्किल है कि ऐसी परिस्थिति में शरीर पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

- प्रो. सुनीत कुमार सिंह, वायरोलाजिस्ट-बीएचयू।

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