वाराणसी के मृत लिपिक का चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं उत्‍तर प्रदेश ने किया महराजगंज तबादला

कोरोना संक्रमण से निबटने में वैसे तो स्वास्थ्य विभाग ने कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। डाक्टर से लेकर स्वास्थ्यकर्मियों तक ने खुद की परवाह न करते हुए हर संभव सहयोग किया। वहीं अब स्वास्थ्य महानिदेशालय ने ऐसा काम कर दिया कि खूब चर्चा हो रही है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 17 Jul 2021 08:27 AM (IST) Updated:Sat, 17 Jul 2021 08:27 AM (IST)
वाराणसी के मृत लिपिक का चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं उत्‍तर प्रदेश ने किया महराजगंज तबादला
स्वास्थ्य महानिदेशालय ने ऐसा काम कर दिया है, जिसकी शुक्रवार दिन भर नगर में चर्चा होती रही।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। कोरोना संक्रमण से निबटने में वैसे तो स्वास्थ्य विभाग ने कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। डाक्टर से लेकर स्वास्थ्यकर्मियों तक ने खुद की परवाह न करते हुए हर संभव सहयोग किया। वहीं अब स्वास्थ्य महानिदेशालय ने ऐसा काम कर दिया है, जिसकी शुक्रवार दिन भर नगर में चर्चा होती रही। एक माह पहले मृत लिपिक अनुप कुमार विश्वास का बनारस से महराजगंज जनपद में कर दिया गया। हालांकि गलती का एहसास होते ही इसमें सुधार कर दिया गया।

दरअसल, निदेशक (प्रशासन) चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं यूपी की ओर से गुरुवार देर रात प्रदेश के 1752 लिपिकों का तबादला किया गया। बनारस के 51 लिपिक भी इसमें शामिल हैं। इन 51 में एक महीना पहले मृत लिपिक अनुप कुमार विश्वास का भी नाम शामिल था। वे जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय में तैनात थे। जून में उनका देहांत हो गया था। तबादला सूची में उनका नाम देख दिन भर अस्पताल व सीएमओ कार्यालय में चर्चा होती रही। उधर, सीएमओ कार्यालय के पदस्थ करीब 15 से अधिक लिपिकों में हरीओम गुप्ता व पूर्णेंदू उपाध्याय को छोड़कर सभी लिपिकों का तबादला दूसरे जनपदों में हो गया है। वहीं मेंटल हॉस्पिटल, जिला अस्पताल, मंडलीय अस्पताल, महिला अस्पताल, एडी कार्यालय, एलबीएस हॉस्पिटल, पीएचसी और सीएचसी पर पदस्थ लिपिकों काे भी गैर जनपदों में भेज दिया गया है। तीसरी लहर की आशंका के बीच इस तबादले से लिपिकों में काफी रोष है। इसमें कई ऐसे लिपिकों भी शामिल हैं जो नियम के अनुसरा पति-पत्नी एक ही जिले में होने चाहिए, लेकिन उनका भी अन्य जनपद में तबादला कर दिया गया।

एक माह पहले मृत लिपिक का नाम गलती से स्थानांतरण सूची में आ गया था। स्वास्थ्य महानिदेशालय को सूचित कर इसमें सुधार करा दिया गया है। - डा. वीबी सिंह, सीएमओ।

राज्य कर्मचारी परिषद ने की स्थानांतरण निरस्त करने की मांग : राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश ने स्वास्थ्य महानिदेशालय की ओर से किए गए अनियमित स्थानांतरण को तत्काल निरस्त करने की शुक्रवार को मांग उठाई। जिला इकाई के पदाधिकारियों के मुताबिक स्वास्थ्य महानिदेशालय ने स्थानांतरण को कमाई का साधन बनाते हुए अनैतिक रूप से जल्दबाजी में स्थानांतरण सूची जारी की है, जो निरस्त होने योग्य है। परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने कहा कि स्वास्थ्य महानिदेशालय द्वारा अंतिम तारीख को जल्दबाजी में फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन आदि संवर्गों के स्थानांतरण की सूची जारी की है। समायोजन के नाम पर भी स्थानांतरण किया गया है। आरोप लगाया कि सूची में शामिल कुछ नाम ऐसे हैं कि संबंधित जनपद में उस नाम का कोई कर्मचारी ही नहीं है। कहा लिपिक संवर्ग समूह ग का कर्मचारी है और अल्प वेतनभोगी है। उनका स्थानांतरण 200 से 500 किलोमीटर की दूर पर किया गया है। पूर्वांचल के लोगों को पश्चिमांचल और पश्चिमांचल के लोगों को पूरब भेज कर दंडित किया गया। बाद में संशोधन करने के नाम पर कर्मचारियों का दोहन किया जाएगा। ऐसे में परिषद की मांग है कि तत्काल सूची को निरस्त किया जाए। ऐसा न होने की दशा में वे आंदोलन को बाध्य होंगे।

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