वाराणसी के ज्ञानवापी-विश्वेश्वरनाथ मंदिर केस में मस्जिद पक्षकार ने वापस ली निगरानी याचिका

ज्ञानवापी मामले में सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्टट्रैक) द्वारा पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने के आदेश के खिलाफ जिला जज की अदालत में दाखिल निगरानी याचिका वापस ले ली। गुरुवार को विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) राजेंद्र प्रसाद त्रिपाठी की अदालत में लंचबाद इस निगरानी याचिका पर सुनवाई हुई।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Thu, 12 Aug 2021 02:47 PM (IST) Updated:Thu, 12 Aug 2021 09:04 PM (IST)
वाराणसी के  ज्ञानवापी-विश्वेश्वरनाथ मंदिर केस में मस्जिद पक्षकार ने वापस ली निगरानी याचिका
पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने के आदेश के खिलाफ जिला जज की अदालत में दाखिल निगरानी याचिका वापस ले ली।

वाराणसी, विधि संवादाता। ज्ञानवापी मामले में सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्टट्रैक) द्वारा पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने के आदेश के खिलाफ जिला जज की अदालत में दाखिल निगरानी याचिका वापस ले ली। गुरुवार को विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) राजेंद्र प्रसाद त्रिपाठी की अदालत में लंचबाद इस निगरानी याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सुन्नी सेंट्रल बोर्ड ऑफ वक्फ और अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की ओर से उपस्थित अधिवक्ताओं ने न्यायालय को बताया कि सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्टट्रैक) के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में भी रिट याचिका दायर किया जा चुका है ऐसे में दायर निगरानी याचिका को वापस ले रहे हैं।

बता दें कि सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्टट्रैक) आशुतोष तिवारी ने आठ अप्रैल 2021 को प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वरनाथ के वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी की प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए ज्ञानवापी परिसर का पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने का केंद्र और राज्य सरकार को आदेश दिया था। इस आदेश के खिलाफ सुन्नी सेंट्रल बोर्ड ऑफ वक्फ और अंजूमन इंतजामिया मसाजिद की ओर से जिला जज की अदालत में निगरानी याचिका दायर किया गया था। इनके द्वारा निगरानी याचिका की वापस लेने की अपील पर अदालत ने दोनों पक्षों की तर्कों को सुनने के बाद फिलहाल आदेश सुरक्षित रखा है।

वहीं सुनवाई को लेकर सुबह से ही परिसर में काफी गहमागहमी बनी रही। सुनवाई के दौरान दोनों ही पक्षों के लोगों की मौजूदगी बनी रही। सुनवाई दोपहर बाद शुरू हुई तो  इस बाबत सुन्नी सेंट्रल बोर्ड ऑफ वक्फ और अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की ओर से कोर्ट में मौजूद अधिवक्ताओं ने न्यायालय को बताया कि सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्टट्रैक) के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में भी रिट याचिका दायर करने की जानकारी देते हुए दायर की गई निगरानी याचिका को वापस लेने की जानकारी से अदालत को अवगत कराया। इसके बाद अदालत ने दोनों ही पक्षों को सुनने के बाद आदेश को अगली तारीख के लिए सुरक्षित कर लिया। 

chat bot
आपका साथी