Health Tips : सहजन के प्रयोग से शरीर की इम्यूनिटी के साथ हड्डियां भी होती हैं मजबूत
आईआईटी बीएचयू से जुड़कर कामिनी सिंह ने सहजन से बने प्रोडक्ट को बनाकर लोगों के स्वास्थ्य के लिए बाजार में उतारा है। आर्गेनिक हाट करौंदी में सहजन का पाउडर मिला आर्गेनिक गुड़ सहजन लीफ पाउडर टैबलेट तथा मोरिंगा युक्त साबुन उपलब्ध है।
वाराणसी, जेएनएन। सहजन (मोरिंगा) के प्रयोग से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता तो बढ़ती ही है साथ ही इसके प्रयोग से हड्डियां मजबूत होती हैं। सहजन की जड़, पत्ती, फूल और बीज में कई तरह के गुण पाए जाते हैं। सहजन खाने से इससे शरीर को भरपूर मात्रा में प्रोटीन, विटामिन, एमिनो एसिड, एंटी-ऑक्सिडेंट मिलते हैं। सहजन कोलेस्ट्रोल को कंट्रोल करता है।
इसमें संतरे से सात गुना ज्यादा विटामिन सी और गाजर से चार गुना ज्यादा विटामिन ए होता है। मोरिंगा की पत्तियों को ताजा या पाउडर के रूप में भोजन के पूरक के रूप में उपयोग किया जाता है। मालवीय उद्यमिता संवर्धन केंद्र आईआईटी बीएचयू से जुड़कर कामिनी सिंह ने सहजन से बने प्रोडक्ट को बनाकर लोगों के स्वास्थ्य के लिए बाजार में उतारा है। आर्गेनिक हाट करौंदी में सहजन का पाउडर मिला आर्गेनिक गुड़, सहजन लीफ पाउडर, टैबलेट तथा मोरिंगा युक्त साबुन उपलब्ध है।
हाई ब्लड प्रेशर करे कंट्रोल
हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को सहजन की पत्तियों का रस निकालकर काढ़ा बनाकर देने से लाभ मिलता है। साथ ही इसका काढ़ा पीने से घबराहट, चक्कर आना, उल्टी में भी राहत मिलती है।
कैल्शियम का स्रोत
सहजन की फली में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है, जो बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इससे हड्डियां और दांत दोनों ही मजबूत बनते हैं। इसे गर्भवती महिलाओं को देने से उनके होने वाले बच्चों में कैल्शियम की मात्रा भरपूर मिलती है और होने वाला शिशु तंदुरस्त होता है।
मोटापा करे कम
मोटापा और शरीर की बढ़ी हुई चर्बी को दूर करने के लिए सहजन को एक लाभदायक औषधि माना गया है। इसमें फॉस्फोरस की मात्रा पायी जाती है जोकि शरीर की अतिरिक्त कैलोरी को कम करती है और साथ ही वसा को कम कर मोटापा कम करने में सहायक होती है।
सिरदर्द करे दूर
सहजन के पत्तों का पेस्ट घाव पर लगाया जाता है और इसे सब्जी के रूप में खाने से सिर दर्द में राहत मिलती है। साथ ही सहजन के सेवन से खून साफ होता है, आंखों की रोशनी तेज होती है।