Sonbhadra फिर शुरू होगी यूरेनियम की खोज, फरवरी-मार्च में आएगी परमाणु खनिज अन्वेषण व अनुसंधान निदेशालय की टीम

यूरेनियम की खोज के लिए परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय (एएमडीईआर) की टीम जल्द जिले में डेरा डालेगी। इस दौरान यूरेनियम के पुख्ता सुबूत मिले तो पत्थर बालू व कोयले की खदानों से पहचाना जाने वाला सोनभद्र इस बहुमूल्य अयस्क के लिए भी जाना जाएगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Fri, 22 Jan 2021 12:50 AM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 12:50 AM (IST)
Sonbhadra फिर शुरू होगी यूरेनियम की खोज, फरवरी-मार्च में आएगी परमाणु खनिज अन्वेषण व अनुसंधान निदेशालय की टीम
यूरेनियम की खोज के लिए परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय (एएमडीईआर) की टीम जल्द जिले में डेरा डालेगी।

सोनभद्र, जेएनएन। यूरेनियम की खोज के लिए परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय (एएमडीईआर) की टीम जल्द जिले में डेरा डालेगी। इस दौरान यूरेनियम के पुख्ता सुबूत मिले तो पत्थर, बालू व कोयले की खदानों से पहचाना जाने वाला सोनभद्र इस बहुमूल्य अयस्क के लिए भी जाना जाएगा।

जियोलाजिकल सर्वे आफ इंडिया व परमाणु ऊर्जा विभाग की टीम ने फरवरी 2020 में करीब एक माह तक हेलीकाप्टर से जिले के चोपन, म्योरपुर व दुद्धी ब्लाक का हवाई सर्वेक्षण किया था और इन इलाकों में यूरेनियम के भंडार होने की संभावना जताई थी। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक खनिज अधिकारी ने बताया कि सर्वे टीम एक बार फिर फरवरी या मार्च में आने वाली है। कोन ब्लाक में एक-दो स्थानों पर यूरेनियम होने की संभावना है। यह अनुमान 1998 से लेकर 2012 तक के सभी सर्वेक्षणों में जताया जा चुका है। हालांकि यूरेनियम की मात्रा को लेकर संशय है। बता दें कि कोन के हरदी में यूरेनियम का भंडार का पता लगाने के लिए 2009 से खोदाई चल रही है। 1998 से 2012 तक के सर्वे के अनुसार पड़ोसी राज्य झारखंड के पूर्वी ङ्क्षसहभूमि जिले के जादूगोड़ा में मिले यूरेनियम के बड़े भंडार के बाद सोनभद्र में इस अयस्क के मिलने की संभावना सबसे ज्यादा है।

2020 में हुआ हवाई सर्वेक्षण

जीएसआइ व एएमडीईआर की टीम ने वर्ष 2020 में कई दिनों तक हेलीकाप्टर से एरो मैग्नेटिक सिस्टम के जरिए यूरेनियम वाले क्षेत्र को चिह्नित किया था। इस दौरान म्योरपुर ब्लाक के कुदरी व कोन के हरदी में खोदाई व अन्य कार्य किए गए थे। उस समय से ही इस्तेमाल में लाए गए उपकरण व विभागीय कर्मचारी क्षेत्र में तैनात हैं।

सोनभद्र में यूरेनियम की खोज 20 साल से चल रही है

विंध्य पर्वत क्षेत्र दुनिया की सबसे पुरानी चट्टानों में है। इसमें अपार संपदा हैं। इनकी खोज के लिए यहां कई वर्ष गुजारे हैं। सोनभद्र में यूरेनियम की खोज 20 साल से चल रही है। इसे निकालना बहुत कठिन है। सरल शब्दों में समझें तो एक लाख टन पत्थर निकालने के बाद एक या दो किलो यूरेनियम मिलेगा। यूरेनियम होने की पुष्टि के बाद ही खनन संभव है।

- सुनील शर्मा, जियोलाजिस्ट

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