UP Tourism ने वाराणसी में 'सुबह-ए-बनारस' पर जारी किया पोस्टर, गंगा आरती को बताया 'अद्भुत'
यूपी पर्यटन ने लिखा है कि - जैसे सूरज उगता है मंदिर की घंटियां बजने लगती हैं खाली घाटों पर पवित्र भजनों के जयकारे लगने लगते हैं। गंगा नदी के माध्यम से प्रवाहित सूर्य की कोमल चमक से वाराणसी सुबह की शुरुआत करती है।
वाराणसी, जेएनएन। शहर में कोरोना संक्रमण काल में पर्यटन की सारी गतिविधियां थम चुकी थीं। जबकि वाराणसी में पर्यटन ही पूरी तरह अर्थव्यवस्था का आधार है। कोरोना संक्रमण का दूसरा दौर जून माह में थमने के साथ ही अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई और इसी के साथ काशी में पर्यटन को धीरे धीरे ही सही मगर धार मिलने लगी। मंदिरों के घंट घडियालों के साथ ही डम डम करते डमरू की धुन से काशी के मठ मंदिर घाट और गलियां गुंजायमान हो चली हैं। ऐसे में अब सावन माह की शुरुआत से पूर्व यूपी पर्यटन विभाग भी वाराणसी में आने के लिए पर्यटकों को प्रेरित कर रहा है।
कोरोना संक्रमण काल के दौर में पर्यटन बेपटरी होने के बाद अब दोबारा अपने पैरों पर उठ खड़ा होने को बेताब है। ट्रेनों का संचालन जहां पटरी पर आ रहा है वहीं विमानों पर दो माह बाद तीन गुना यात्री सफर करने लगे हैं। जबकि दूसरी ओर लंबी दूरी की ट्रेन पूरी तरह भरी हुई चलने से आवागमन का दौर भी लोगों को काशी से जोड़ने लगा है। सावन भर बाहर से आने वाले लोग गंगा स्नान, बाबा दरबार में हाजिरी लगाने आते हैं। जिसकी वजह से होटल और धर्मशालाओं में माह भर रौनक बनी रहती है जबकि सावन के सभी सोमवार पर दूसरे राज्यों और पड़ोसी जिलों से बोल बम, डाक बम और ताड़क बम कांवड़िए दर्शन पूजन और जलाभिषेक के लिए प्रमुख शिवालयों का रुख करते हैं। इसी को देखते हुए यूपी पर्यटन विभाग इन दिनों वाराणसी पर पोस्टर जारी कर लोगों को काशी आने को प्रेरित कर रहा है।
सोमवार की सुबह यूपी पर्यटन की ओर से गंगा आरती और सुबहे बनारस की तस्वीर संग इस नजारे को विचित्र बताते हुए लिखा है कि - 'जैसे सूरज उगता है; मंदिर की घंटियां बजने लगती हैं, खाली घाटों पर पवित्र भजनों के जयकारे लगने लगते हैं। गंगा नदी के माध्यम से प्रवाहित सूर्य की कोमल चमक से वाराणसी सुबह की शुरुआत करती है।' इस पोस्ट के साथ ही बटुकों द्वारा गंगा आरती का पोस्टर जारी कर यूपी नहीं देखा तो इंडिया नहीं देखा का हैशटैग भी जारी किया गया है।