वाराणसी के डिप्टी जेलर अनिल त्यागी हत्याकांड में अमजद ने छह पिस्टल का किया था जुगाड़

वाराणसी जिला जेल में कड़ाई की खुन्नस उतारने के लिए 23 नवम्बर 2013 की सुबह मानसिक अस्पताल के सामने एक जिम से निकलकर कार में बैठे डिप्टी जेलर अनिल त्यागी की कई गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में अमजद ने छह पिस्टल की व्यवस्था की थी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 10:43 AM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 11:10 AM (IST)
वाराणसी के डिप्टी जेलर अनिल त्यागी हत्याकांड में अमजद ने छह पिस्टल का किया था जुगाड़
डिप्टी जेलर अनिल त्यागी हत्याकांड में अमजद ने छह पिस्टल की व्यवस्था की थी।

वाराणसी, जेएनएन। जिला जेल में कड़ाई की खुन्नस उतारने के लिए 23 नवम्बर 2013 की सुबह मानसिक अस्पताल के सामने एक जिम से निकलकर कार में बैठे डिप्टी जेलर अनिल त्यागी की कई गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में अमजद ने छह पिस्टल की व्यवस्था की थी। पुलिस को मिली सूचना के अनुसार बनारस जेल में बंद मुन्ना बजरंगी से मिलने उसके गुर्गे जाया करते थे। त्यागी के सख्ती के कारण पूरा गैंग परेशान था।

मुन्ना बजरंगी ने त्यागी को रास्ते से हटाने की साजिश रची थी। ताकि इसका प्रभाव जेल के अन्य कर्मियों पर भी पड़े। साजिश के अनुसार मुन्ना बजरंगी द्वारा यह काम गिरोह के सतीश उर्फ चंदन के अलावा राजेश चौधरी, रिंकू सिंह, अमजद और वकील पांडेय को सौंपा गया। मऊ के रमेश काका को भी टीम में लगाया गया। 23 नवंबर 2013 को छह पिस्टल की व्यवस्था रिंकू और अमजद ने की और वायरस जिम के बाहर डिप्टी जेलर की गोली मार कर हत्या कर दी गई। अमजद व वकील पांडेय को गुरुवार को प्रयाग राज मार गिराया गया।

वाराणसी जिला जेल से हुकूमत न चला पाने के कारण प्रदेश की विभिन्न जेलों में बंद दोनों माफिया बहुत परेशान थे। दर्जनों मोबाइल से लैस माफिया बनारस की जेल में बंद अपने गुर्गो से संपर्क स्थापित नहीं कर पा रहे थे। कई बार त्यागी व अन्य जेल अधिकारियों पर दबाव बनाया गया लेकिन कुछ नहीं हुआ। जेल अधिकारियों को सबक सिखाने के लिए माफिया ने बिसात बिछानी शुरू की। सुरक्षा के तामझाम के बीच चलने वाले जेल अधीक्षक की भी रेकी हुई लेकिन टारगेट नहीं बन पाए। दूसरे नंबर पर डिप्टी जेलर अनिल त्यागी थे। त्यागी निश्िचत होकर चलते थे जिससे शूटरों को मौका मिला अपने आका का हुक्म बजाने का।

वाराणसी में डिप्टी जेलर अनिल त्यागी की हत्या कर फैला दी थी सनसनी

प्रयागराज में गुरुवार भोर में एसटीएफ से मुठभेड़ में ढेर सुपारी किलर वकील पांडेय और अमजद का नाम वर्ष 2013 में सुर्खियों में आया था। दोनों ने माफिया मुन्ना बजरंगी और मुख्तार अंसारी के इशारे पर वाराणसी के तत्कालीन डिप्टी जेलर अनिल त्यागी की निर्मम हत्या कर दी थी। दिनदहाड़े हुई इस हत्या से पूरे प्रदेश में सनसनी फैल गई थी। प्रदेश सरकार पर कानून व्यवस्था को लेकर सवालिया निशान खड़े हो गए थे। केंद्र सरकार ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए यूपी सरकार से पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की थी।

भदोही जनपद के गोपीगंज थानांतर्गत काली देवी बड़ा शिव मंदिर कस्बा गोपीगंज निवासी वकील पांडेय उर्फ राजीव पांडेय उर्फ राजेश पुत्र सहसराम पांडेय और भदोही थानांतर्गत राम सहायपुर गांव निवासी अमजद उर्फ अंगद उर्फ पिंटू उर्फ डॉक्टर पुत्र हफी जुल्लाह माफिया मुन्ना बजरंगी और मुख्तार अंसारी के लिए काम करते थे। दोनों रुपये लेकर किसी को भी मौत के घाट उतार देते थे। वर्ष 2013 में दोनों को वाराणसी के डिप्टी जेलर अनिल त्यागी की हत्या की सुपारी दी गई। सुपारी माफिया मुन्ना बजरंगी और मुख्तार अंसारी ने दी थी। बेखौफ दोनों बदमाशों ने दिनदहाड़े डिप्टी जेलर की हत्या का अपराध जगत में सनसनी फैला दी थी। दोनों का नाम प्रदेश के टॉप टेन बदमाशों की सूची में आ गया था। इसके बाद तो कोई भी उनके नाम से खौफ खाने लगा था। मुन्ना बजरंगी के मारे जाने के बाद दोनों के संबंध नैनी के पूर्व ब्लाक प्रमुख दिलीप मिश्रा से हो गए थे। वह अक्सर नैनी क्षेत्र में चोरी-छिपे आते थे। पुलिस और एसटीएफ को कई बार इसकी भनक भी लगी थी, लेकिन दोनों पकड़ में नहीं आ रहे थे।

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