UP PCS Result : बलिया के शिशिर कुमार सिंह को पीसीएस में चौथी रैंक, पहली कोशिश में ही सफलता
यूपी पीसीएस का रिजल्ट जारी कर दिया गया है। इसमें बलिया के शिशिर कुमार सिंह को चौथी रैंक प्राप्त हुआ है। कड़े परिश्रम से पीसीएस परीक्षा में चौथी रैंक लाकर जिले का नाम रोशन किया है। इससे परिवार में खुशी की लहर छा गई है।
बलिया, जेएनएन। मेहनत और लगन से हर मुकाम हासिल किया जा सकता है। शहर के हरपुर मोहल्ला निवासी सिंहासन सिंह के इकलौते बेटे शिशिर कुमार सिंह ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है। उन्होंने कड़े परिश्रम से पीसीएस परीक्षा में चौथी रैंक लाकर जिले का नाम रोशन किया है। इससे परिवार में खुशी की लहर छा गई है।
बकौल शिशिर, बलिया केंद्रीय विद्यालय में दसवीं तक की पढ़ाई करने के बाद ये डीपीएस बोकारो पढ़ने के लिए चले गए। वहां पर 10वीं और 12वीं परीक्षा पास करने के बाद एसएन आईआईटी में दाखिला ले लिया। इसके बाद पीसीएस की तैयारी में लग गये। पहली कोशिश में ही वे टॉप टेन में आ गए। उन्होंने बताया कि रिजल्ट से ज्यादा ध्यान तैयारी पर युवाओं का होना चाहिए। रिजल्ट आने के बाद सबको खुशी होती है लेकिन आगे प्रशासनिक सेवा में बेहतर काम करने के बाद बधाई मिले तो उसे ही असली खुशी माना जाता है। ऐसा भी होता है की रिजल्ट में कामयाब नहीं होने वाले बेहतर प्रशासक हो सकते हैं। इसका श्रेय उन्होंने अपने माता-पिता को दिया है। बहन रचना सिंह पढ़ाई करती हैं और माता कमलेश देवी गृहिणी हैं। पिता मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव का कार्य करते हैं।
अखबारों से मिली मदद, छोड़ा इंटरनेट मीडिया का मंच
मौजूदा समय में दुनिया भर की गतिविधियों में समझ विकसित करने में इंटरनेट मीडिया का अहम योगदान है। यही वजह है कि युवाओं का झुकाव इस ओर बहुत ज्यादा है। लेकिन पीसीएस में चौथी रैंक पाने वाले शिशिर का मत एकदम अलग है। वे कहते हैं कि बैंगलुरू में 2018 तक एक प्राइवेट कंपनी में जॉब किये लेकिन उसके बाद उन्होंने जॉब छोड़ कर पीसीएस परीक्षा देने का मन बना लिया।
परीक्षा की तैयारी शुरू करते ही उन्होंने इंटरनेट मीडिया का मंच छोड़ दिया। वे ट्वीटर, फेसबुक व इंस्टाग्राम में तीन साल से सक्रिय नहीं हैं। सिर्फ व्हाट्स एप पर व्यक्तिगत संदेश ही आदान-प्रदान करते रहे. उन्होंने यह वक्त सिर्फ अखबार पढ़ने में बिताया। इकोनॉमी, स्पोर्ट्स, करेंट अफेयर्स और देश विदेश की खबरों के अलावा संपादकीय पेज पर खास फोकस रहा। यही उन्हें परीक्षा में काम भी आया। उन्होंने बताया कि धनबाद से उन्होंने इंजीनियरिंग की और उसके बाद बिजनेस एलिस्टर की जॉब दो साल तक किये। जॉब छोड़ कर तैयारी करने का निर्णय कठिन था। दो प्रयास यूपीएससी का दिया तो इंटरव्यू तक पहुंचे थे लेकिन पीसीएस परीक्षा की पहली कोशिश में टॉप टेन रैंक में आना स्वर्णिम क्षण हैं।
सोनभद्र के आशीष को मिली 38 वी ब्रेक
सोनभद्र चोपन निवासी आशीष कुमार वर्मा ने यूपी पीसीएस में 38 वे रेंक प्राप्त कर एसडीएम पद पर नियुक्त हुए हैं । इससे चोपन नगर में खुशी का माहौल है। नई पीढ़ी के बच्चों में आशीष से सीख लेने की जिज्ञासा है। आशीष के पिता हीरालाल बर्मा पूर्व मध्य रेलवे चोपन में गार्ड के पद से सेवानिवृत्त हुुए हैं । उन्होंनेे बताया आज मेरा सपना साकार हो गया ।