यूपी के स्वास्थ्य मंत्री ने माना, वाराणसी में 13 जनवरी को वैक्सीन लाने वाले वाहन का फिटनेस था फेल

टीकाकरण अभियान शुरू करने से पहले 13 जनवरी को जिस वैन से कोरोना वैक्सीन लाई गई थी उसका फिटनेस फेल होने की बात स्वास्थ्य मंत्री ने स्वीकार की है। उस वैन की फिटनेस 19 फरवरी को वाराणसी परिवहन कार्यालय में कराया गया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Fri, 05 Mar 2021 10:58 AM (IST) Updated:Fri, 05 Mar 2021 10:58 AM (IST)
यूपी के स्वास्थ्य मंत्री ने माना, वाराणसी में 13 जनवरी को वैक्सीन लाने वाले वाहन का फिटनेस था फेल
फिटनेस फेल होने की बात स्वास्थ्य मंत्री ने स्वीकार की है।

वाराणसी, जेएनएन। टीकाकरण अभियान शुरू करने से पहले 13 जनवरी को जिस वैन से कोरोना वैक्सीन लाई गई थी, उसका फिटनेस फेल होने की बात स्वास्थ्य मंत्री ने स्वीकार की है। उस वैन की फिटनेस 19 फरवरी को वाराणसी परिवहन कार्यालय में कराया गया। उक्त वैन परिवार कल्याण के निदेशक के नाम परिवहन कार्यालय में पंजीकृत है। इतना ही नहीं, उक्त वाहन का प्रदूषण तक फेल था। विधान परिषद सदस्य शतरुद्र प्रकाश ने इस मामले को विधानसभा में उठाया तो स्वास्थ्य मंत्री ने जवाब देते हुए सारी जानकारी दी है।

कोरोना वैक्सीन लाने के लिए विभिन्न जनपदों में वैनों को लगाया गया था। एमएलसी ने सवाल किया कि बनारस में बाबतपुर लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से वैक्सीन लाने के लिए यूपी-65 एजी 0021 वैन भेजी गई थी। वैक्सीन पांडेयपुर स्थित ड्रग वेयर हाउस लाया गया था। क्या वह अनधिकृत, प्रदूषण फैलाने वाले वैन से लाई गई थी, पूछे जाने पर मंत्री ने जवाब दिया है कि वैन अनधिकृत नहीं है। यह राजकीय वाहन है, जो परिवार कल्याण महानिदेशक के नाम पंजीकृत है। वैन प्रदूषण फैलाने वाला नहीं है। वर्तमान में छह फरवरी को प्रदूषण प्रमाणपत्र कराया गया है जो छह माह के लिए वैध है। सवाल पर मंत्री ने कहा कि वैन का पंजीयन 15 मई-2004 को परिवहन कार्यालय में हुआ था। फिटनेस वर्ष 2006 में फेल हो गया था। एमएलसी के  सवाल पर शासन से विवरण तलब होते ही स्वास्थ्य विभाग में अफरा-तफरी मच गई। आनन-फानन परिवहन विभाग में आवेदन कर वैक्सीन लाने वाली वैन का फिटनेस कराया गया।

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