भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से संबद्धता प्रस्ताव भेजने के लिए यूपी कालेज ने तैयार किया विस्तृत प्रारूप

आइसीएसआर से संबद्ध न होने वाले संस्था से स्नातक के छात्र अब अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित होने वाली स्नातकोत्तर (पीजी) की प्रवेश परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं होगी। भारत सरकार के इस फरमान को लेेकर यूपी कालेज भी आइसीएआर से संबद्धता लेने की प्रक्रिया में जुटा हुआ है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 10:02 PM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 10:02 PM (IST)
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से संबद्धता प्रस्ताव भेजने के लिए यूपी कालेज ने तैयार किया विस्तृत प्रारूप
भारत सरकार के इस फरमान को लेेकर यूपी कालेज भी आइसीएआर से संबद्धता लेने की प्रक्रिया में जुटा हुआ है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। कृषि विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों को अब भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) से संबद्धता अनिवार्य कर दिया दिया है। आइसीएसआर से संबद्ध न होने वाले संस्था से स्नातक के छात्र अब अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित होने वाली स्नातकोत्तर (पीजी) की प्रवेश परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं होगी। भारत सरकार के इस फरमान को लेेकर यूपी कालेज भी आइसीएआर से संबद्धता लेने की प्रक्रिया में जुटा हुआ है। इस क्रम में प्रस्ताव भेजने के लिए प्रारूप भी तैयार कर लिया है। सप्ताहभर में आइसीएआर को भेजने की तैयारी है। हालांकि आइसीएआर से संबद्धता कम से कम चार माह का समय लग सकता है।

कालेज प्रशासन ने संबद्धता के लिए चार लाख रुपये शुल्क जमा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस संबंध में आइसीएआर से पत्राचार जारी है। कालेज प्रशासन का कहना है कि संबद्धता की प्रक्रिया काफी लंबी है। उधर आइसीएआर से संबद्धता को लेकर छात्र कालेज प्रशासन पर दबाव बनाए हुए हैं। यही नहीं इसे लेकर छात्र कई बार आंदोलन भी कर चुके हैं। इसे देखते हुए कालेज प्रशासन जल्द से जल्द आइसीएआर से संबद्धता लेने की तैयारी में जुटा हुआ है ताकि अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित होने वाली स्नातकोत्तर (पीजी) की प्रवेश परीक्षा यहां के छात्र भी शामिल हो सके।

प्राचार्य डा. एसके सिंह ने बताया कि आइसीएआर देश में कृषि शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए कृषि विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों का मूल्यांकन कर संबद्धता प्रदान करती है। सत्र-2015-16 से ही आइसीएआर से संबद्धता कराने का प्रावधान लागू है। वहीं जनवरी 2021 से इसे अनिवार्य कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि सूबे के अधिकांश महाविद्यालय अब तक आइसीएआर से संबद्ध नहीं हैं। यहां तक कि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ भी अब तक आइसीएआर से संबद्ध नहीं है। कहा कि यूपी कालेज में आइसीएआर के नियमाें व पाठ्यक्रमों के अनुरूप ही कृषि संकाय का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि संबद्धता की प्रक्रिया वर्ष 2020 से ही चल रही है।

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