महिला मृत्युदर की बड़ी वजह 'अनसेफ अबार्शन', दूरबीन रोबोटिक सर्जरी की तकनीक मातृत्व सुरक्षा को देगी मजबूती
मातृत्व सुरक्षा को लेकर छावनी क्षेत्र स्थित एक होटल में चल रही मध्य यूपी चैप्टर ऑफ ऑब्स्टेट्रिक एवं गायनकोलॉजी सोसाइटी की 31वीं वार्षिक कांफ्रेंस का समापन रविवार को हुआ।
वाराणसी, जेएनएन। मातृत्व सुरक्षा को लेकर छावनी क्षेत्र स्थित एक होटल में चल रही मध्य यूपी चैप्टर ऑफ ऑब्स्टेट्रिक एवं गायनेकोलॉजी सोसाइटी की 31वीं वार्षिक कांफ्रेंस का समापन रविवार को हुआ। ऑब्स्टेट्रिक व गायनेकोलॉजी सोसाइटी एवं स्त्री व प्रसूति रोग विभाग-आइएमएस बीएचयू की ओर से आयोजित तीन दिवसीय कांफ्रेंस में प्रसूति व स्त्री रोग के निदान के लिए उपयोग में लाई जा रही नवीन तकनीकों पर चर्चा हुई।
अंतिम दिन 'डा. प्रभा मल्होत्रा ओरेशन' के तहत डा. भारती माहेश्वरी ने असुरक्षित गर्भपात व उससे उपजी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों पर प्रस्तुतिकरण दिया। कहा भारत में असुरक्षित गर्भपात से होने वाली दिक्कतें महिला मृत्युदर की सबसे बड़ी वजह थी। मरीजों व डाक्टरों की जागरूकता के कारण इसमें पिछले पांच-सात सालों में भारी कमी आई है।
परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता पिछले कुछ वर्षो में बढी है, लेकिन हिचक, शर्म, सामाजिक कारणों, पैसे की कमी और अनुपलब्धता के कारण आज भी स्त्रियां असुरक्षित गर्भपात कराने को मजबूर हैं। सरकारी अस्पतालों में लगने वाली लंबी लाइनें, भीड और स्टाफ का संवेदनहीन व्यवहार भी उन्हें घरेलू उपायों, अप्रशिक्षित मिडवाइफ के पास जाने को मजबूर करता है। डा. उर्मिला सिंह ने कहा कि कभी-कभी बच्चा बच्चेदानी में न होकर गर्भनली में हो जाता है। यह जानलेवा स्थित होती है। गर्भनली फटने पर मरीज को तत्काल अस्पताल न पहुंचाने पर उसकी मृत्यु हो सकती है। डा. उर्मिला ने इसके डायग्नोस और इलाज विधि की जानकारी दी। वहीं डा. सोनिया मलिक ने बांझपन के इलाज की दिशा में 'हिपेरिन' दवा की भूमिका पर रोशनी डाली।
इससे पूर्व सुबह के सत्र में विविध स्पर्धा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर डा. अनुराधा खन्ना, डा. रितु खन्ना, डा. निशा रानी अग्रवाल, डा. सुधा सिंह, डा. विभा मिश्रा, डा. संगीता राय, डा. उमा पांडेय, डा. उषा यादव, डा. अर्चना साह, डा. लवीना चौबे आदि प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ उपस्थित थीं।