BHU लाल बहादुर शास्त्री छात्रावास के 80 कमरों का अवैध ताला तोड़ विश्वविद्यालय प्रशासन ने किया आवंटन

छात्रावास के कमरों में अवैध कब्जों से आजिज काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने अब कड़ी कार्रवाई शुरू कर दिया है। सोमवार को दूसरे दिन भी कमरों को कब्जे से मुक्त कराने की कार्रवाई चली। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गई।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 07:15 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 07:15 PM (IST)
BHU लाल बहादुर शास्त्री छात्रावास के 80 कमरों का अवैध ताला तोड़ विश्वविद्यालय प्रशासन ने किया आवंटन
छात्रावास के कमरों में अवैध कब्जों से आजिज काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने अब कड़ी कार्रवाई शुरू कर दिया है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। छात्रावास के कमरों में अवैध कब्जों से आजिज काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने अब कड़ी कार्रवाई शुरू कर दिया है। सोमवार को दूसरे दिन भी कमरों को कब्जे से मुक्त कराने की कार्रवाई चली। प्रशासन ने लाल बहादुर शास्त्री छात्रावास के 80 कमरों का ताला तोड़कर उनमें रखे सामानों को बोरों में भरकर सील कर दिया और कमरों को वैध छात्रों को उनकी योग्यता सूची के आधार पर आवंटित कर दिया। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गई। इसके पूर्व एलबीएस छात्रावास में ही इस तरह की कार्रवाई शनिवार को भी की गई थी। उस दिन 60 कमरों को कब्जों से मुक्त कराया गया था।

लाल बहादुर शास्त्री छात्रावास के प्रशासनिक संरक्षक डा. अनिल कुमार सिंह ने बताया कि कोविड काल में छात्रावास के कमरों में अवैध रूप से कुछ लोग रहने लगे थे। उनसे छात्रावास खाली कराने के लिए कई बार नोटिस दी गई किंतु उन्होंने कमरे खाली नहीं किए। इससे वैध छात्रों को परेशानी हो रही थी। कमरे खाली कराने के लिए विशेष अभियान चलाया गया। उनके नेतृत्व में अन्य संरक्षकों तथा सुरक्षा तंत्र की पूरी टीम ने लगभग 80 कमरों का ताला तोड़कर उन्हें खाली कराते हुए वरीयता क्रम से छात्राें को आवंटित करा दिया। डा. सिंह ने बताया कि लाल बहादुर शास्त्री छात्रावास में लगभग 304 कमरे हैं। लगभग 130 कमरों में अनाधिकृत लोग रहते थे। कार्रवाई के दौरान कई कमरों में रहने वालों का सामान सुरक्षा-तंत्र की निगरानी में पैक किया गया तथा सामानों की सूची बना ली गई।

एलबीएस में मेस का उद्घाटन

कमरों को खाली कराने की कार्रवाई के बीच ही कला संकाय प्रमुख प्रो. विजय बहादुर सिंह ने छात्रावास में मेस का भी उद्घाटन किया। इस अवसर पर छात्र अधिष्ठाता प्रो. एमके सिंह एवं प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. ओंकारनाथ सिंह भी उपस्थित थे।

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