सोनभद्र के बारे में अनोखा शोध, फासिल्स पार्क से भी 14 करोड़ साल पुराना जीवाश्म बाड़ी में मिला

भू-वैज्ञानिक मुकुंद शर्मा के नेतृत्व में 25 जनवरी से आई शोध टीम तीन फरवरी तक जिले में शोध करेगी। जिले में लगभग एक सप्ताह के दौरे पर आए भूवैज्ञानिक मुकुंद शर्मा ने बताया कि वह वर्ष 2000 से सोनभद्र आ रहे हैं।

By Abhishek sharmaEdited By: Publish:Mon, 01 Feb 2021 09:40 AM (IST) Updated:Mon, 01 Feb 2021 09:40 AM (IST)
सोनभद्र के बारे में अनोखा शोध, फासिल्स पार्क से भी 14 करोड़ साल पुराना जीवाश्म बाड़ी में मिला
बाड़ी क्षेत्र में मिला जीवाश्म सलखन के फासिल्स से भी 14 करोड़ साल पुराना है।

सोनभद्र, जेएनएन। जनपद के बाड़ी क्षेत्र में मिला जीवाश्म सलखन के फासिल्स से भी 14 करोड़ साल पुराना है। यह दावा जिले में 25 जनवरी से आई तीन सदस्यीय वैज्ञानिकों की टीम ने रविवार को डाला के बाड़ी क्षेत्र स्थित पत्थरों के शोध के दौरान कही। टीम के प्रमुख प्रो. मुकुंद शर्मा ने बताया कि बिल्ली-मारकुंडी के बाड़ी में पहाड़ों पर मिला जीवाश्म लगभग 174 करोड़ साल पुराना है। इसका निर्धारण इंदिरा गांधी मुक्त विवि दिल्ली की डा. मीनल मिश्रा, अमेरिका स्थित सायरा क्रू विवि के डा. बिक फोर्ड व इंडियाना विवि के डा. अभिजीत बसु ने किया था। लेयर लगभग दो मीटर में है, जबकि सलखन का फासिल्स 160 करोड़ साल ही पुराना है।

उन्होंने बताया कि जिले में शोध के लिए आई टीम ने चोपन ब्लाक के ग्राम पंचायत कोटा के कोटा खास, ओबरा, चोपन व सलखन से लगभग 45 पैकेट टेस्ट के लिए एकत्र किया  है। जिसे लखनऊ भेजने के लिए तैयार किया गया है। उनके साथ शोध में आये बीएचयू के शोधकर्ता दिव्या सिंह व प्रद्युम्न सिंह इस पर पीएचडी करेंगे। वैज्ञानिक मुकुंद शर्मा ने बताया कि यहां पर तीन प्रकार के लेयर पाए जा रहे है। इसका संरचनात्मक जांच की जा रही है। यह जीवाश्म उस समय के हैं जब पृथ्वी पर जीवन नहीं हुआ करता था। केवल वन ही वन पाए जाते थे। बताया कि इस पर एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर प्रदेश सरकार को दिया जाएगा। इससे क्षेत्र को अच्छा बनाया जा सके। यहां के लोग प्राकृतिक धरोहरों को अच्छे से समझ सकें। कहा कि स्थानीय लोगों को यह पता होना चाहिए कि कहां-कहां पर इस तरह का जीवाश्म है। इसका अध्ययन करने के लिए जिले में जल्द ही भूवैज्ञानिकों की एक समिति बनाई जाएगी। समिति में अधिकारी, वैज्ञानिक व पत्रकार भी शामिल रहेंगे। समिति के लोग जगह-जगह जांच भी करेंगे। 

भू-वैज्ञानिक मुकुंद शर्मा के नेतृत्व में 25 जनवरी से आई शोध टीम तीन फरवरी तक जिले में शोध करेगी। जिले में लगभग एक सप्ताह के दौरे पर आए भूवैज्ञानिक मुकुंद शर्मा ने बताया कि वह वर्ष 2000 से सोनभद्र आ रहे हैं। 

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