वाराणसी में नर प्रजाति के सर्पों के बीच अनोखी प्रतिस्पर्धा, वैज्ञानिक भाषा में इसे कहते हैं 'कांबैट डांस'

बीएचयू के एक प्रोफेसर के घर पर सर्प जोड़े (रैट स्नैक) को प्रतिस्पर्धा करते हुए देखा गया। खास बात यह है कि दोनों सर्प एक समान लिंग (नर) के हैं लेकिन ये मादा सर्प के साथ अपनी जोड़ी बनाने के लिए प्रतिद्वंदिता प्रदर्शित कर रहे हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 03 Jul 2021 07:10 PM (IST) Updated:Sat, 03 Jul 2021 07:10 PM (IST)
वाराणसी में नर प्रजाति के सर्पों के बीच अनोखी प्रतिस्पर्धा, वैज्ञानिक भाषा में इसे कहते हैं 'कांबैट डांस'
बीएचयू के एक प्रोफेसर के घर पर सर्प जोड़े (रैट स्नैक) को प्रतिस्पर्धा करते हुए देखा गया।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। बीएचयू के एक प्रोफेसर के घर पर सर्प जोड़े (रैट स्नैक) को प्रतिस्पर्धा करते हुए देखा गया। खास बात यह है कि दोनों सर्प एक समान लिंग (नर) के हैं, लेकिन ये मादा सर्प के साथ अपनी जोड़ी बनाने के लिए प्रतिद्वंदिता प्रदर्शित कर रहे हैं। हालांकि, मादा सर्प आसपास नहीं दिखाई नहीं दी, मगर जंतुओं का व्यवहार समझने वाले वैज्ञानिकों का मत है कि नर सर्प आपसी प्रतिस्पर्धा से निर्धारित करते हैं कि प्रजनन अवधि में मादा सर्प पर आधिपत्य किसका होगा।

चौबेपुर स्थित प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे के घर में ये सर्प घंटों उसी अवस्था में एक-दूसरे से लिपटकर संघर्ष करते रहे। यहां तक कि आसपास काफी लोग यह देख हक्का-बक्का थे और मौके पर भीड़ जुटती ही जा रही थी। फिर भी उन जोड़ों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। जंतु विज्ञानियों का मानना है कि सर्प सामान्य तौर पर मार्च में प्रजनन करते हैं और अगस्त तक अंडा देते हैं, मगर जुलाई की भीषण उमस में सर्प रति क्रिया में लिप्त रहे इसकी संभावना कम है। इस घटना से बीएचयू वैज्ञानिक आश्चर्य में हैं क्योंकि पिछले वर्ष भी नवंबर में चौबेपुर के इसी घर में ऐसा करते देखा गया था। देहरादून स्थित वन्य जीव संस्थान के वैज्ञानिक और एनिमल बिहेवियर के एक्सपर्ट डा. संदीप गुप्ता ने बताया कि इन्हें रैट स्नैक या हिंदी में धामिन कहते हैं।

नर सर्प आपस में इस तरह से किसी मादा को रिझाने के लिए ऐसी क्रिया (कांबैट डांस) करते हैं। यह एक तरह की शारीरिक प्रतिस्पर्धा है जो कि सर्प करते हैं। ये घटना इसी तथ्य का उदाहरण प्रस्तुत करती है। उन्होंने कहा कि यह रति क्रिया तो नहीं हो सकती। ये सांप ज़हरीले नहीं होते हैं। इन्हें किसान मित्र भी कहा जाता है क्योंकि ये अनाज के दुश्मन चूहों का ही भक्षण करते हैं। वहीं बार-बार सर्प की घटना से आजिज आकर परिजनों ने वन विभाग से संपर्क किया मगर अधिकारियों ने सपेरा मौजूद न होने की बात कही।

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