केंद्रीय मंत्री डा. महेंद्रनाथ पांडेय को अरुणाचल यूनिवर्सिटी आफ स्टडीज नामसाई की ओर से मानद उपाधि

Union Minister Dr Mahenendranath Pandey अरुणाचल यूनिवर्सिटी आफ स्टडीज नामसाई ने केंद्रीय मंत्री कौशल विकास एवं उद्यमिता डा. महेंद्र नाथ पांडेय को मानद उपाधि प्रदान की है। यह सम्मान पंचम दीक्षांत समारोह विश्वविद्यालय में आनलाईन एवं भौतिक आयोजन में दी गई।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Wed, 23 Dec 2020 10:45 AM (IST) Updated:Wed, 23 Dec 2020 10:45 AM (IST)
केंद्रीय मंत्री डा. महेंद्रनाथ पांडेय को अरुणाचल यूनिवर्सिटी आफ स्टडीज नामसाई की ओर से मानद उपाधि
केंद्रीय मंत्री, कौशल विकास एवं उद्यमिता डा. महेंद्र नाथ पांडेय को मानद उपाधि प्रदान की है।

वाराणसी, जेएनएन। अरुणाचल यूनिवर्सिटी आफ स्टडीज नामसाई ने केंद्रीय मंत्री, कौशल विकास एवं उद्यमिता डा. महेंद्र नाथ पांडेय को मानद उपाधि प्रदान की है। यह सम्मान पंचम दीक्षांत समारोह विश्वविद्यालय में आनलाईन एवं भौतिक आयोजन में दी गई। समारोह की अध्यक्षता डा. महेन्द्र नाथ पांडेय ने की, वह मुख्य अतिथि भी थे। मंत्री ने कहा कि किसी भी क्षेत्र के विकास में शिक्षा का महत्वपूर्ण स्थान है। अरुणाचल विश्वविद्यालय नामसाई की स्थापना से क्षेत्र के विकास में बड़ी सहायता मिली है। पूर्व में इस क्षेत्र में शिक्षा के नगण्य संसाधन थे, अरुणाचल विश्वविद्यालय नामसाई की स्थापना के उपरांत यह स्थल शिक्षा के लिए एक आदर्श बन गया है। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा पूर्वोत्तर क्षेत्र में किये जा रहे कौशल विकास  के कार्यों की भी प्रशंसा की। अरुणाचल विश्वविद्यालय नामसाई, भारतवर्ष के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिखाए गए मार्ग पर दृढ़ता से चल रहा है। 

इस अवसर पर विश्व शिक्षा अभियान एवं अरुणाचल यूनिवॢसटी ऑफ स्टडीज नामसाई के अध्यक्ष डा. अश्वनी लोचन द्वारा मंत्री को उनके द्वारा कौशल विकास एवं उद्यमिता के क्षेत्र में किये गए कार्योंं के लिए साहित्य वाचस्पति (डी. लिट) की मानद उपाधि भेट की गयी। उन्हेंं साहित्य वाचस्पति (डी. लिट) की मानद उपाधि देने के लिए कुलाधिपति एवं कुलपति का आभार भी प्रकट किया।

उन्होने कहा उनके लिए यह क्षण बहुत ही बहुमूल्य है क्योंकि जिस समय वे साहित्य वाचस्पति कार्यक्रम को यूजीसी के अंतर्गत पूर्ण करने ही वाले थे उसी समय अपनी जनसेवा को आगे बढाने के लिए जिस कारण यूजीसी के पास प्रावधान न होने के कारण उनका डी. लिट का कार्यक्रम अधूरा रह गया। आज विश्वविद्यालय ने उन्हे यह प्रदान करके उनके एक अपूर्ण स्वप्न पूर्ण कर दिया। विश्वविद्यालय द्वारा प्रदत्त शिक्षा नामसाई के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है तथा शीघ्र ही नामसाई शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षा एक देश का एक प्रमुख स्थान बनेगा। कहा कि इस देश के स्नातकोंं एवं युवाओंं के लिए प्रधानमंत्री द्वारा बहुत ही उच्च कोटि की योजना बनाई गयी है। जिसके अंतर्गत कौशल विकास के लिए 5.5 करोड से भी अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। 

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