वाराणसी में केंद्रीय मंत्री डा. महेंद्र पांडेय ने किया प्रशिक्षण केंद्र का दौरा, देश में तैयार होंगे एक लाख फ्रंटलाइन वर्कर्स

कोरोना महामारी की विषम परिस्थितियों से लड़ने के लिए कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय ने देश के एक लाख से अधिक फ्रंटलाइन वर्कर्स को प्रशिक्षित करने के लिए कस्टमाइज्ड क्रैश कोर्स’ की शुरूआत की है। वाराणसी में यह कोर्स प्रधानमंत्री कौशल केंद्र में चल रहा है

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 06:41 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 06:41 PM (IST)
वाराणसी में केंद्रीय मंत्री डा. महेंद्र पांडेय ने किया प्रशिक्षण केंद्र का दौरा, देश में तैयार होंगे एक लाख फ्रंटलाइन वर्कर्स
कौशल विकास एवं उद्यमशीलता केंद्रीय मंत्री डा. महेन्द्रनाथ पांडेय ने कौशल केंद्र का दौरा किया।

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना महामारी की विषम परिस्थितियों से लड़ने के लिए कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय ने देश के एक लाख से अधिक फ्रंटलाइन वर्कर्स को प्रशिक्षित करने के लिए 'कस्टमाइज्ड क्रैश कोर्स’ की शुरूआत की है। इसका शुभारंभ 18 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। वाराणसी में यह कोर्स प्रधानमंत्री कौशल केंद्र में चल रहा है, जिसका मंगलवार को कौशल विकास एवं उद्यमशीलता केंद्रीय मंत्री डा. महेन्द्रनाथ पांडेय ने दौरा किया।

डा. पांडेय ने इस दौरान केंद्र में प्रशिक्षण ले रहे विद्यार्थियों से भी मुलाकात की। बताया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 26 राज्यों के 111 प्रशिक्षण संस्थानों में चल रहा है। इसकी सफलता के बाद इसे पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा। इस कोर्स को पूरा करने में दो से तीन माह का समय लगेगा और इसके तहत देश के युवा कोविड -19 से लड़ने के लिए अपनी स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए तत्काल तैयार भी हो सकेंगे। साथ ही इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। इसके द्वारा युवाओं को हेल्थकेयर सेक्टर के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि कोरोना जैसी महामारी के समय वे राष्ट्र की सेवा कर सके। इससे हमारे डॉक्टर और नर्सों पर बोझ कम होगा।

पहचान किए गए नए जॉब रोल्स में बेसिक केयर सपोर्ट, इमरजेंसी केयर सपोर्ट, एडवांस केयर सपोर्ट, सैंपल कलेक्शन सपोर्ट, होम केयर सपोर्ट, मेडिकल इक्विपमेंट सपोर्ट शामिल हैं। इस कार्यक्रम में एक शार्टटर्म प्रशिक्षण शामिल होगा, जिसके बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, अस्पतालों, डायग्नॉस्टिक सुविधाओं, सैम्पल कलेक्शन सेन्ट्रस आदि जैसी स्वास्थ्य सुविधाओं में तीन महीने की ऑन द जॉब ट्रेनिंग शामिल होगी।

ये छह कस्टमाइज्ड क्रैश कोर्स हेल्थकेयर सेक्टर स्किल काउंसिल (एसएसएससी) द्वारा कम से कम समय में विकसित किए गए हैं, जिसमें स्वास्थ्य क्षेत्र के पेशेवर शामिल हैं। ये स्किल रेग्युलेटर अर्थात एनसीवीईटी द्वारा अनुमोदित है। राज्यों से प्राप्त मांग के आधार पर, राज्यों में कोविड दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण के लिए प्रशिक्षणों को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।

उम्मीदवारों को मिलने वाले लाभों में एक सरकारी प्रमाणन, वजीफा, दो लाख रुपये का दुर्घटना बीमा, आवास और भोजन शामिल हैं। राज्यों को निर्देश दिया जा रहा है कि वे उम्मीदवारों का टीकाकरण करवाएं, उन्हें पीपीई किट उपलब्ध कराएं और उनके लिए मूवमेंट पास की सुविधा दें। प्रशिक्षण के गुणवत्ता परिणाम को सुनिश्चित करने के लिए ट्रेनिंग सेंटर (टीसी) सुविधाओं और बुनियादी ढांचे की उपलब्धता, प्रशिक्षण सामग्री की उपलब्धता, बैच अटेन्डेन्स और स्ट्रेन्थ सहित प्रशिक्षण की नियमितता, प्रशिक्षक योग्यता, ट्रेनिंग ऑफ़ ट्रेनर (टीओटी) प्रमाणीकरण और अन्य चीज़ों पर पर विशेष ध्यान दिया जाना है।

मंत्रालय स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ नियोजित होने से पहले ही अनुभवी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और पीएमकेवीआइ प्रमाणित उम्मीदवारों की अपस्किलिंग पर भी काम करेगा। इन प्रयासों के साथ मंत्रालय का लक्ष्य हेल्थकेयर सेक्टर में गुणवत्तापूर्ण सहायता प्रदान करना और कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई में योगदान देना है।

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