CBSE नई शिक्षा नीति के तहत स्ट्रीम की बाध्यता हुई खत्म,फिजिक्स, बायो भी पढ़ सकेंगे अब कला के छात्र

शैक्षिक संस्थानों में नई शिक्षा नीति चरणबद्ध तरीके से लागू की जा रही है। इस क्रम में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने स्ट्रीम की बाध्यता समाप्त कर दी है। अब 11वीं का विद्यार्थी साइंस कॉमर्स या आट् र्स किसी भी स्ट्रीम का विषय ले कर अध्ययन कर सकता था।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 07:35 AM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 07:35 AM (IST)
CBSE नई शिक्षा नीति के तहत स्ट्रीम की बाध्यता हुई खत्म,फिजिक्स, बायो भी पढ़ सकेंगे अब कला के छात्र
शैक्षिक संस्थानों में नई शिक्षा नीति चरणबद्ध तरीके से लागू की जा रही है।

वाराणसी, जेएनएन। शैक्षिक संस्थानों में नई शिक्षा नीति चरणबद्ध तरीके से लागू की जा रही है। इस क्रम में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने स्ट्रीम की बाध्यता समाप्त कर दी है। अब 11वीं का विद्यार्थी साइंस, कॉमर्स या आट् र्स किसी भी स्ट्रीम का विषय ले कर अध्ययन कर सकता था। अर्थात आट् र्स का विद्यार्थी फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ या बायो में से भी कोई विषय विषय विकल्प के रूप से चयन कर सकता है। च्वाइस बेस्ड सिस्टम के तहत मानिविकी वर्ग के विद्यार्थियों को भी मैथ लेने की पूरी छूट होगी। यह सुविधा वर्तमान सत्र से ही लागू है।

अब तक हाईस्कूल के बाद 11वीं के विद्यार्थियों को आट् र्स, साइंस, कॉमर्स में से कोई एक वर्ग का चयन करना होता था। साइंस भी दो वर्ग बंटे हुए थे। एक फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथ तथा दूसरा फिजिक्स, केमिस्ट्री व बायो। इंजीनियरिंग के क्षेत्र में जाने वाले विद्यार्थी फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथ विषय लेकर पढ़ते हैं जबकि मेडिकल के क्षेत्र में कॅरियर बनाने वाले विद्यार्थी बायो लेकर पढ़ते हैं। यह तीनों स्ट्रीम अब भी है। बस अब तीनों स्ट्रीम के विद्यार्थियों को कोई भी विषय लेकर अध्ययन करने की छूट होगी। हालांकि हिंदी व अंग्रेजी लैग्वेज में एक भाषा लेना अनिवार्य है।

सीबीएसई की सिटी कोआर्डिनेटर व सनबीम इंग्लिश स्कूल (भगवानपुर) की प्रधानाचार्य गुरमीत कौर ने बताया कि सीबीएसई में कॅरियर ओरिएंटेड पढ़ाई की सुविधा पहले से ही थी। मानिविकी वर्ग के बच्चे मैथ ले सकते हैं। आट्र्स से पढ़ने वाले बहुत से विद्यार्थी 11वीं में पहले भी मैथ लेते थे। मुख्य समस्या इंटर करने के बाद की है। उन्होंने सवाल खड़ा किया कि इंटर में एक विषय बायो लेने पर क्या बच्चे को नीट बैठने की अनुमति मिलेगी। इसी प्रकार इंटर में एक विषय मैथ लेने पर उसे इंजीनियरिंग में दाखिला नहीं मिलेगा। स्नातक स्तर पर भी संशोधन करने की जरूरत है। तभी इसका लाभ विद्यार्थियों को मिलेगा। कहा कि विद्यालयों के सामने सबसे बड़ी समस्या टाइम टेबल बनाने में की है। मिक्स विषय लेने वाले के लिए कैसे टाइम टेबल सेट करें।

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