Coronavirus in india : अल्ट्रावायलेट किरणें बनेंगी कोरोना वायरस योद्धाओं की मददगार

डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ हृदय से कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज करने में जुटे हैँ।

By Edited By: Publish:Tue, 14 Apr 2020 02:30 AM (IST) Updated:Tue, 14 Apr 2020 04:37 PM (IST)
Coronavirus in india : अल्ट्रावायलेट किरणें बनेंगी कोरोना वायरस योद्धाओं की मददगार
Coronavirus in india : अल्ट्रावायलेट किरणें बनेंगी कोरोना वायरस योद्धाओं की मददगार

वाराणसी [मुहम्मद रईस]। डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ जहां कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज करने में जुटे हैं, तो वहीं पुलिस गली-गली में मुस्तैद है। असल में ये कोरोना योद्धा घर-परिवार की फिक्र छोड़ मैदान-ए-जंग में इसलिए कूदे हैं कि आमजन अपने घरों में ही महफूज रहें। अब आइआइटी-बीएचयू ने अल्ट्रावायलेट किरणों को भी इन योद्धाओं की मददगार बना जंग को थोड़ा आसान बना दिया है। आइआइटी-बीएचयू स्थित महामना सेंटर फार इनोवेशन इन्क्यूबेशन एंड इंटरप्रेन्योरशिप के इन्क्यूबेटी गौरव सिंह ने सेंटर के चेयरमैन व केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के हेड प्रो. पीके मिश्रा के सहयोग से ऐसा उपकरण तैयार किया है, जो मोबाइल, पर्स, की-रिंग आदि को न सिर्फ पूरी तरह संक्रमण मुक्त कर देगा, बल्कि खराब भी नहींहोने देगा। यह उपकरण अल्ट्रावायलेट-सी किरण सिद्धांत पर आधारित है। इससे हर तरह के बैक्टीरिया एवं वायरस पलक झपकते ही समाप्त हो जाते हैं।

इस तरह तैयार हुआ उपकरण

15 दिन के मंथन व तीन दिनों की मेहनत के बाद यह उपकरण पूरी तरह तैयार हुआ, जिसे बनाने में करीब पांच हजार रुपये खर्च हुए। माइक्रोवेब ओवन की बॉडी का इस्तेमाल करते हुए ऊपर से नीचे की तरफ अल्ट्रावायलेट-सी ट्यूब को लगाया गया है। टाइमर की मदद से मशीन का संचालन नियंत्रित किया जाता है। हाल ही में इस प्रोजेक्ट को काउंसिल ऑफ इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की सूची में शामिल किया गया।

इस तरह आएगा काम 

कोरोना संक्रमण के मौजूदा हालात में ऑफिस या फील्ड में किसी भी वस्तु को छूने से पहले व बाद में हाथों को सैनिटाइज कर लिया जाता है। लोग मास्क का प्रयोग भी करते हैं। घर पहुंचने पर कपड़ों को एक किनारे रख स्नान कर खुद को संक्रमण मुक्त भी कर लेते हैं। मगर जेब में रखा पर्स, सनग्लास, मोबाइल, बाइक या कार की चाबी आदि सैनिटाइज नहीं हो पाती। ऐसे में कोरोना वायरस से हम पूरी तरह सुरक्षित नहीं हो पाते। इसी को ध्यान में रखते हुए यह उपकरण बनाया गया है। माइक्रोवेब को चालू करते ही अल्ट्रावायलेट-सी किरणें इसमें रखी वस्तुओं में छिपे बैक्टीरिया या वायरस को पूरी तरह समाप्त कर देती हैं। सबसे जरूरी बात इसमें रखकर सैनिटाइज करने के दौरान इलेक्ट्रानिक उपकरण मसलन मोबाइल, घड़ी, आईपॉड आदि बिल्कुल भी खराब भी नहीं होते।

बनेगा कोरोना योद्धाओं का हथियार 

प्रो. पीके मिश्रा के मुताबिक यह उपकरण कोरोना मरीजों के इलाज में लगे डाक्टर, पैरा-मेडिकल स्टाफ, नर्सिग स्टाफ सहित लॉकडाउन का पालन करा रहे पुलिसकर्मियों के लिए बहुत ही कारगर है। इस उपकरण को जल्द बाजार में उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है, ताकि कोरोना से जंग लड़ रहे हमारे योद्धा घर पहुंचकर भी न केवल महफूज रहें, बल्कि उनका परिवार भी सुरक्षित रहे।

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