प्रोफेसर के चार इंक्रीमेंट रोकने पर यूजीसी ने बीएचयू को भेजा रिमाइंडर, बीएचयू को नहीं मिला कोई पत्र

यूजीसी का कहना है कि बीएचयू के कुलसचिव कार्यालय को 26 जुलाई पत्र भेजा गया है। वहीं 9 जुलाई को एक मोस्ट अर्जेंट रिमाइंडर भी दिया जा चुका है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने बताया कि प्रोफेसर जैन ने इस मामले को देखने की बात कही थी।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 11:15 AM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 11:15 AM (IST)
प्रोफेसर के चार इंक्रीमेंट रोकने पर यूजीसी ने बीएचयू को भेजा रिमाइंडर, बीएचयू को नहीं मिला कोई पत्र
यूजीसी का कहना है कि बीएचयू के कुलसचिव कार्यालय को 26 जुलाई पत्र भेजा गया है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। एक अधिवक्ता की ओर से बीएचयू पर एक प्रोफेसर का चार इंक्रीमेंट जानबूझकर रोकने का आरोप लगाया है।बीएचयू में अर्थशास्त्र के एक सेवानिवृत्त प्रोफेसर आरपीएल जैन के इस मुद्दे को लेकर जब यूजीसी को पत्र लिखा गया तो यूजीसी ने बीएचयू को चिट्ठी भेजकर नियम के अनुसार निर्णय लेने को कहा। मगर बीएचयू की ओर से बताया गया कि उन्हें ऐसा कोई पत्र नहीं मिला है।

वहीं यूजीसी का कहना है कि बीएचयू के कुलसचिव कार्यालय को 26 जुलाई पत्र भेजा गया है वहीं 9 जुलाई को एक मोस्ट अर्जेंट रिमाइंडर भी दिया जा चुका है। इस मामले को देख रहे इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने बताया कि प्रोफेसर जैन ने उनसे इस मामले को देखने की बात कही थी जिसके बाद उन्होंने ही यूजीसी से शिकायत की। सौरभ तिवारी ने बताया कि बीएचयू के रजिस्ट्रार तय करें कि अब कितनी सच्चाई है। उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर सभी पत्राचारों के दस्तावेज सबूत के तौर पर अपलोड कर दिया है। उन्होंने यह सवाल उठाया यदि अकारण ही नहीं इंक्रिमेंट रोका गया है तो बीएचयू तत्काल जवाब दे।

अधिवक्ता तिवारी ने कहा कि बीएचयू की ओर से जानबूझकर प्रोफेसर के वेतन का इंक्रिमेंट रोका गया है। यदि बीएचयू ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की तो उन्हें न्यायालय की शरण में जाना होगा। प्रोफेसर जैन बीएचयू में कृषि अर्थशास्त्र और लोक वित्त के विशेषज्ञ रहे हैं और रिटायर हो चुके हैं। बीएचयू में कई अर्जियां देने के बाद जब कोई न्याय नहीं मिला तब उन्होंने अधिवक्ता से इस मामले में दखल करने की गुहार लगाई। उन्हें अब उम्मीद है कि यूजीसी के माध्यम से उन्हें राहत मिलेगी और रुके हुए चारों इंक्रिमेंट मिलेंगे। बीएचयू की ओर से इस मामले पर अभी कोई सफाई नहीं आयी है।

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