बीएचयू : यूजीसी का आइएमएस को फंड देने से इन्‍कार

वाराणसी स्थित बीएचयू के चिकित्सा विज्ञान संस्थान को अभी तक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली के बराबर सुविधा व फंड नहीं मिला है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Tue, 25 Dec 2018 07:42 PM (IST) Updated:Wed, 26 Dec 2018 10:39 AM (IST)
बीएचयू : यूजीसी का आइएमएस को फंड देने से इन्‍कार
बीएचयू : यूजीसी का आइएमएस को फंड देने से इन्‍कार

वाराणसी, जेएनएन। बीएचयू के चिकित्सा विज्ञान संस्थान को अभी तक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली के बराबर सुविधा व फंड नहीं मिला है। इससे पहले ही यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) ने आइएमएस को फंड देना बंद कर दिया है। कहा जा रहा है कि जब एम्स लाइक का दर्जा मिल ही गया है तो अब मंत्रालय फंड देगा। वहीं संस्थान को अभी भी शुरूआती 498 करोड़ राशि का इंतजार है।

पूर्वांचल, बिहार सहित विभिन्न राज्यों के मरीजों को मुफ्त में बेहतर उपचार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर एक प्रस्ताव तैयार किया गया।

इसके तहत पिछले माह नई दिल्ली में मानव संसाधन विकास मंत्रालय, नीति आयोग, स्वास्थ मंत्रालय व काशी हिंदू विश्वविद्यालय के बीच समझौता हुआ। इसके बाद यहां भी केएन उडप्पा सभागार में दोनों मंत्रालयों, नीति आयोग एवं बीएचयू के बीच समझौता पत्र स्थानांतरित किया गया। हालांकि यहां से बने प्रस्ताव में मरीजों का कम हित होने पर नीति आयोग ने गहनता से जांच शुरू कर दी। साथ ही यहां कि अधिकारियों से महत्व सिद्ध करने के लिए भी कह दिया गया।

वहीं पिछले माह यहां आई नीति आयोग की टीम ने सर सुंदरलाल अस्पताल का जायजा लिया। इसके बाद कहा गया कि भवन को दुरुस्त करने, खिड़की, दरवाजे, शौचालय, एसी व मरीजों एवं उनके तीमारदारों की सुविधा को तत्काल शुरू किया जाए। साथ ही सुपर स्पेशियलिटी कांप्लेक्स में उपकरण, मैन पावर पर भी प्रस्ताव बनाया गया है। इसी के लिए 498 करोड़ राशि आने वाली है। इसी बीच संस्थान की ओर से कई कार्यों के लिए फंड की मांग की गई। सूत्र बताते हैं कि यूजीसी ने फिलहाल कोई फंड देने से मना कर दिया है। इसी का हवाला विवि प्रशासन भी दे रहा है।

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