यूजीसी ने मांगी आरक्षण नीति के क्रियान्वयन की रिपोर्ट, बीएचयू में नहीं भरे गए आरक्षित पद

यूजीसी ने बीएचयू सहित देश के सभी केंद्रीय व राज्य विश्वविद्यालयों तथा समस्त अनुदान प्राप्त समकक्ष संस्थानों से अनुसूचित जाति जनजाति अन्य पिछड़ा वर्ग आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों एवं दिव्यांग जनों को दिए जाने वाले आरक्षण नीति के क्रियान्वयन की प्रगति रिपोर्ट का ब्‍यौरा मांगा है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Wed, 21 Oct 2020 12:51 PM (IST) Updated:Wed, 21 Oct 2020 12:51 PM (IST)
यूजीसी ने मांगी आरक्षण नीति के क्रियान्वयन की रिपोर्ट, बीएचयू में नहीं भरे गए आरक्षित पद
यूजीसी ने बीएचयू में दिए जाने वाले आरक्षण नीति के क्रियान्वयन की प्रगति रिपोर्ट का ब्‍यौरा मांगा है।

वाराणसी, जेएनएन। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने बीएचयू सहित देश के सभी केंद्रीय व राज्य विश्वविद्यालयों तथा समस्त अनुदान प्राप्त समकक्ष संस्थानों से अनुसूचित जाति, जनजाति अन्य पिछड़ा वर्ग, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों एवं दिव्यांग जनों को दिए जाने वाले आरक्षण नीति के क्रियान्वयन की प्रगति रिपोर्ट का ब्‍यौरा मांगा है।

यूजीसी के संयुक्त सचिव डा. जीएस चौहान ने सभी कुलसचिवों को भेजे अपने पत्र में कहा है कि शिक्षण और गैर शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियों तथा विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश संबंधी आरक्षण नियमों का सख्ती से अनुपालन किया जाये। पत्र में खाली बैकलाग पदों को अविलंब भरने की बात कही गई है। ज्ञात हो कि इधर बीच बीएचयू में पिछड़ा वर्ग आयोग और अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के अभ्यर्थियों की नियुक्ति न किये जाने को लेकर काफी विवाद बढ़ा है, जबकि इन कटेगरी में ज्यादातर पद खाली हैं। पिछड़ा वर्ग आयोग ने बीएचयू से कई बार इसका जवाब भी मांगा, मगर अब तक विवि प्रशासन पर कोई असर नहीं हुआ है।

इन्हीं सब शिकायतों को आधार बनाते हुए अब यूजीसी ने निर्देश दिया है कि भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप सभी विश्वविद्यालय अपनी वेबसाइट पर आरक्षण रोस्टर को अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करें तथा नियमित अंतराल पर उसे अपडेट करते रहें। आयोग ने यह भी कहा है कि शैक्षिक एवं गैर शिक्षण पदों, विभिन्न स्तर के पाठ्यक्रमों तथा छात्रावासों में आवंटन संबंधी सभी सांख्यकीय आंकड़े दिए गए निर्धारित प्रोफार्मा के अनुरूप भरकर उसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के क्रियाकलाप अनुश्रवण पोर्टल पर अनिवार्य रूप से अपलोड करें। आरक्षण को लेकर लंबी लड़ाई लड़ने वाले बीएचयू के प्रोफेसर महेश प्रसाद अहिरवार ने कहा है कि यूजीसी के इस आदेश से बीएचयू सहित देश के सभी विश्वविद्यालयों में नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी, आरक्षित श्रेणी के पदों में की जा रही अनियमितता व हेरा-फेरी पर रोक लगेगी, बैकलाग के पद भरे जा सकेंगे।

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