NEET Solver Gang Exposed : वाराणसी में साल्‍वर गैंग के दो और आरोपित गिरफ्तार, उगले चौंकाने वाले राज

NEET Solver Gang वाराणसी में नीट की परीक्षा में सेंधमारी करने वालों पर पुलिसिया सख्‍ती का असर नजर आने लगा है। इस बाबत कई राज्‍यों में फैले नेटवर्क को देखते हुए वाराणसी पुलिस ने कम समय में छानबीन कर कई लोगों पर कानूनी कार्रवाई की है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 09:18 PM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 09:29 AM (IST)
NEET Solver Gang Exposed : वाराणसी में साल्‍वर गैंग के दो और आरोपित गिरफ्तार, उगले चौंकाने वाले राज
थाना सारनाथ में नीट परीक्षा से संबंधित वांछित दो अभियुक्त पकड़ में आए हैं।

वाराणसी, जेएनएन। नीट की परीक्षा में सेंधमारी करने वालों पर पुलिसिया सख्‍ती का असर नजर आने लगा है। इस बाबत कई राज्‍यों में फैले नेटवर्क को देखते हुए वाराणसी पुलिस ने कम समय में छानबीन कर कई लोगों पर कानूनी कार्रवाई की है। थाना सारनाथ में नीट परीक्षा से संबंधित वांछित दो अभियुक्त क्रमश: विकास कुमार महतो पुत्र स्वर्गीय उपेंद्र महतो निवासी ग्राम व पोस्ट बेला सिमरी थाना खगड़िया बिहार उम्र करीब 32 वर्ष शिक्षा B.Sc. और दूसरे आरोपित राजू कुमार पुत्र ललन प्रसाद निवासी ग्राम चंदवारा पोस्ट देना थाना काकू जनपद जहानाबाद बिहार उम्र 30 वर्ष शिक्षा बीएससी को शनिवार को क्राइम ब्रांच, कमिश्नरेट वाराणसी व थाना सारनाथ की पुलिस टीम ने डूडा आफिस के पास से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की। दोनों अभियुक्तों के कब्जे से नीट परीक्षा से संबंधित अभ्यर्थियों के शैक्षिक दस्तावेज, फोटोग्राफ, आधार कार्ड एवं एडमिट कार्ड के अलावा दो अदद मोबाइल फ़ोन व एक लैपटॉप बरामद हुआ है।

इस तरह चलता था पूरा कारोबार : विस्तृत पूछताछ करने पर अभियुक्त विकास कुमार महतो ने बताया कि करीब तीन वर्ष पहले मैं खगड़िया से पटना आया था। परीक्षा की तैयारी के दौरान मेरा परिचय पीके उर्फ प्रेम कुमार उर्फ नीलेश से हुआ, जिसने मुझे परीक्षाओं में साल्वर बिठाकर परीक्षा पास कराने की तरकीब बताकर रुपये कमाने की बातें बताई और यह भी कहा कि मौका मिलने पर तुम्हारी भी किसी परीक्षा में सॉल्वर बिठाकर नौकरी लगवा दूंगा तब से मैं पीके उर्फ नीलेश के लिए काम करने लगा। पीके का असली नाम नीलेश कुमार पुत्र कमल वंश नारायण सिंह है जो कि ग्राम सेंधवा थाना एकमा जनपद छपरा बिहार का मूल निवासी है और वर्तमान में बीएसएनल टेलिफोन एक्सचेंज के सामने पाटलिपुत्र जिला पटना बिहार में अपने परिवार के साथ रहता है। पी के उर्फ नीलेश के साथ कई और लोग भी शामिल हैं। सॉल्वर बैठाकर नीट में एडमिशन के लिए केस कई लोग देते थे जिनमें से मैं लखनऊ के ओसामा शाहिद, अंशु सिंह और बबलू जो बिहार के हैं और बेंगलुरु में रहते हैं तथा देबू जो कि त्रिपुरा में रहता है को जानता हूं। यह लोग नीट परीक्षा में बैठने वाले लड़के लड़कियों की तलाश करते थे जोकि फर्जी तरीके से परीक्षा पास करने के लिए इनसे संपर्क करते थे उनके डॉक्यूमेंट व फोटो आदि तथा रुपए लेकर पीके उर्फ प्रेम कुमार और नीलेश को भेज देते थे। नीलेश मेरे तथा अपने साथियों पुष्पक कुमार, प्रमोद, अनूप व प्रवीन के माध्यम से सॉल्वरों की व्यवस्था करते थे तथा उनके फोटो आदि लेकर असली अभ्यर्थी की फोटो से मिक्स करवा कर नीट परीक्षा का फॉर्म भरवाते थे तथा सॉल्वरों को परीक्षा में बैठने के लिए पांच लाख रुपये दिए जाते थे। असली अभ्यर्थियों के मां बाप से 20 से 25 लाख रुपए लिए जाते थे। परीक्षा के पहले ही उनके सभी ओरिजिनल डॉक्युमेंट पीके उर्फ नीलेश अपने पास मंगा कर गारंटी के लिए रख लेता था जो कि पैसा मिलने के बाद एडमिशन के समय पर पैसा मिलने के बाद वापस किया जाता था। पी के उर्फ नीलेश रुपयों को अपने पिता के.बी.एन. सिंह के अकाउंट के अलावा अपने अन्य साथियों के अकाउंट नंबर में मंगाता था।

फोटो मिक्‍स करके देते थे धोखा : अभियुक्त राजू कुमार ने बताया कि मेरे छोटे भाई दीपक के नाम से दीपक स्टूडियो है। विकास कुमार महतो से परिचय 2019 में हुआ वह परीक्षाओं में पासपोर्ट साइज फोटो सजाने बनवाने आता था बाद में उसने अन्य लड़के लड़कियों की फोटो को मिक्स करके पासपोर्ट साइज फोटो बनाने को कहा। मैं प्रति फोटो मिक्सिंग के लिए दो हजार लेता था। नीट परीक्षा के समय व अन्य परीक्षाओं के दौरान विकास ने मुझे काफी लड़के लड़कियों की फोटो व्हाट्सएप से भेजी थी जिसे मैंने मिक्सिंग कर उनको प्रिंट कर दिया था। कुछ फोटो मेरे फोन की गैलरी व लैपटॉप में पड़ी है। उपरोक्त दोनों अभियुक्तों से गहन पूछताछ की जा रही है तथा गैंग के अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी कर गिरफ्तारी हेतु टीमें गठित की गई हैं। अभियुक्त गणों को न्यायिक अभिरक्षा में रिमांड हेतु माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

बोले पुलिस कमिश्‍नर : गिरफ्तार दोनों आरोपितों से पूछताछ की जा रही है। गैंग के अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी कर गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित कर दी गईं हैं। आरोपितों को न्यायिक अभिरक्षा में रिमांड के लिए न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। - ए. सतीश गणेश, पुलिस कमिश्नर।

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