आजमगढ़ में मौसी की तेरहवीं में लौट रहे बाइक सवार दो ममेरे भाइयों की हादसे में मौत

हादसे के बाद अहरौला पुलिस दुर्घटनास्‍थल पर पहुंच गई थी। रात में ही परिजनों को हादसे की जानकारी होने के बाद सभी का रो- रोकर बुरा हाल हो गया। वहीं पुलिस ने शव को पोस्‍टमार्टम के लिए भेजने के साथ ही विधिक कार्रवाई भी शुरू कर दी है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 10:15 AM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 10:32 AM (IST)
आजमगढ़ में मौसी की तेरहवीं में लौट रहे बाइक सवार दो ममेरे भाइयों की हादसे में मौत
आजमगढ़ में हादसे के बाद अहरौला पुलिस दुर्घटनास्‍थल पर पहुंच गई थी।

आजमगढ़, जागरण संवाददाता। अज्ञात वाहन की टक्कर से बाइक सवार दो ममेरे भाइयों की मौत हो गई। एक ने मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि दूसरे की सांसें अस्पताल ले जाने के दौरान कमजोर पड़ गईं। हादसे की भनक लगते ही पीड़ित परिवारों में कोहराम मच गया। अहरौला पुलिस हादसे के बाद मौके पर पहुंच गई थी। रात में ही परिजनों को हादसे की जानकारी होने के बाद सभी का रो- रोकर बुरा हाल हो गया। वहीं पुलिस ने शव को पोस्‍टमार्टम के लिए भेजने के साथ ही विधिक कार्रवाई भी शुरू कर दी है। 

अहरौला थाना क्षेत्र के चकमकसुदजहां गांव निवासी रवि (23) पुत्र रमेश की मौसी का निधन हो गया था। वह उनकी तेरहवीं कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गुरुवार की देर रात करीब दस बजे अपने मौसा रामसकल के यहां बनाखुर्द गांव जा रहे थे। उनके मामा का पुत्र प्रदीप (19) पुत्र अदालती निवासी गोबरहां गांव भी बाइक पर सवार थे। दोनों बाइक से रफ्तार भर रहे थे कि केदारपुर त्रिमुहानी के निकट तेज रफ़्तार अज्ञात वाहन ने उनकी बाइक में टक्कर मार दी। अज्ञात वाहन की लाइट इतनी तेज थी कि बाइक अनियंत्रित हुई तो चाहकर भी उसे नियंत्रित नहीं किया जा सका। ऐसे में सामने हुई जोरदार जोरदार में रवि की मौके पर मौत हो गई जबकि प्रदीप की इलाज के लिए ले जाते समय मौत हो गई। 

हादसे के बाद मौके पर चीख- पुकार मचने पर उधर से गुजर रह लोगाें ने पुलिस एवं स्वजन को सूचना दी ताे बचाव कार्य शुरू हो सका। हालांकि प्रदीप, जिसकी कुछ माह पूर्व ही फूलपुर तहसील में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर नियुक्ति हुई थी, वह मौके पर मृत पड़ा था। रवि को आनन-फानन में अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। रवि परिवार में इकलौता संतान था। मां कुसुम का रो-रोकर बुरा हाल हुआ था।

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