जौनपुर में बालिका वधू बनने से बचीं दो लड़कियां, बिना विवाह के बरात वापस लौट गई

मंगलवार को एक नट बस्ती पहुंची पुलिस व प्रशासन की टीम ने दो बालिकाओं का बाल विवाह रोककर उन्हें बालिका वधू बनने से रोक दिया। एक बालिका की उम्र 15 वर्ष तो दूसरे की 17 वर्ष है। टीम की सक्रियता के चलते बिना विवाह के बारात वापस लौट गई।

By Abhishek sharmaEdited By: Publish:Wed, 10 Feb 2021 12:25 PM (IST) Updated:Wed, 10 Feb 2021 12:25 PM (IST)
जौनपुर में बालिका वधू बनने से बचीं दो लड़कियां, बिना विवाह के बरात वापस लौट गई
पुलिस व प्रशासन की टीम ने दो बालिकाओं का बाल विवाह रोककर उन्हें बालिका वधू बनने से रोक दिया।

जौनपुर, जेएनएन। सरकार और सामाजिक संस्‍थाओं के अलावा मीडिया की ओर से जागरुक करने के बाद भी समाज में बालिका वधू यानि बच्चियों के विवाह की घटनाओं में कमी नहीं आ रही है। इस बाबत जानकारी फैलाने के बाद भी सबसे अधिक डाक्‍टर और आइएएस अधिकारी देने वाले जिले में ही दो नाबालिग बच्चियों के विवाह की घटनाएं सामने आईंं। हालांंकि, सतर्कता की वजह से दोनों ही शादियां रोक दी गईं।   

बाल कल्याण समिति की पहल पर मंगलवार को एक नट बस्ती पहुंची पुलिस व प्रशासन की टीम ने दो बालिकाओं का बाल विवाह रोककर उन्हें बालिका वधू बनने से रोक दिया। आधार कार्ड से पता चला कि एक बालिका की उम्र 15 वर्ष तो दूसरे की 17 वर्ष है। टीम की सक्रियता के चलते बिना विवाह के बारात वापस लौट गई। 

 बाल कल्याण समिति के सदस्य आनंद प्रेमघन सरोज को किसी व्यक्ति द्वारा उक्त विवाह के संबंध में जानकारी दी गई। समिति द्वारा प्रकरण की जांच के लिए जिला प्रोबेशन अधिकारी संतोष कुमार सोनी से अनुरोध किया गया। बाल संरक्षण अधिकारी चंदन राय एवं आउटरीच कार्यकर्ता विजय कुमार अस्थाना के साथ चाइल्ड लाइन जिला समन्वयक राजकुमार पांडेय, सुभाष चंद्र यादव, शालिनी मौर्य को मौके पर शिकायत की जांच को भेजा। टीम ने मौके पर जाकर परिवार से संपर्क करके उन बालिकाओं की जन्मतिथि के संबंध में साक्ष्य मांगा गया। 

संबंधित परिवार द्वारा बालिकाओं का आधार कार्ड प्रस्तुत किया गया  जिससे उनके नाबालिग होने का पता चला। लाइन बाजार थाने की पुलिस ने दोनों बालिकाओं को उनके परिवार समेत बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अनिल कुमार यादव, सदस्य आनंद प्रेमघन सरोज, ममता श्रीवास्तव, धनंजय कुमार सिंह के समक्ष प्रस्तुत किया गया।  समिति ने दोनों बालिकाओं की माता रेखा देवी से बंधपत्र और हलफनामा लिया कि वह बालिकाओं के बालिग होने पर ही शादी करेंगी। दोनों बालिकाओं में से एक की ग्राम कुछेछा तिवारी नाला और दूसरे की ग्राम केशवपुर थाना गौराबादशाहपुर से बारात पहुंच चुकी थी जिसे बिना विवाह के लौटना पड़ा। 

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