ट्यूबलाइट व सीएफएल लैंप मरकरी आधारित लाइट है जो खराब होने के बाद रिसाइकल नहीं होते, मानव स्वास्थ्य पर डालते हैं बुरा प्रभाव

ट्यूबलाइट और सीएफएल लैंप मरकरी आधारित लाइट है जो खराब होने के बाद रिसाइकल नहीं होते एवं भूमि जल एवं मानव स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालते हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sun, 17 Nov 2019 05:50 PM (IST) Updated:Sun, 17 Nov 2019 10:18 PM (IST)
ट्यूबलाइट व सीएफएल लैंप मरकरी आधारित लाइट है जो खराब होने के बाद रिसाइकल नहीं होते, मानव स्वास्थ्य पर डालते हैं बुरा प्रभाव
ट्यूबलाइट व सीएफएल लैंप मरकरी आधारित लाइट है जो खराब होने के बाद रिसाइकल नहीं होते, मानव स्वास्थ्य पर डालते हैं बुरा प्रभाव

जौनपुर, जेएनएन। पूर्वांचल विश्वविद्यालय में अत्याधुनिक तकनीक के लिए अल्ट्रासोनिक एवं पदार्थ विज्ञान विषयक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का रविवार को दूसरा दिन रहा। इस दौरान वक्ताओं ने आने वाले समय में तकनीक के विविध पहलुओं पर चर्चा की। कहा कि मूवमेंट व वाइब्रेशन से ऊर्जा उत्पन्न होगी। सम्मलेन में छह समानांतर स्तरों में 20 विशेष व्याख्यान, तीन प्लेनरी टाक एवं प्रतिभागियों द्वारा 40 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए।

यह सम्मेलन रज्जू भैय्या भौतिकीय विज्ञान अध्ययन, शोध संस्थान पूर्वांचल विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला अल्ट्रासोनिक सोसाइटी ऑफ इंडिया नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हो रहा है। आरटीएम नागपुर विश्वविद्यालय के डा.संजय जे ढोबले ने कहा कि ऊर्जा के स्रोत भविष्य में कम होने वाले है। कोयला, तेल व गैस का दोहन बढ़ रहा है कुछ सालों में इनकी कमी होगी। आज के समय में ऊर्जा की बचत के लिए उपकरणों का निर्माण करना जरुरी है जो इको फ्रेंडली के साथ-साथ ऊर्जा की कम खपत कर सकें। एलईडी ऊर्जा की बचत भी करते हैं और इको फ्रेंडली भी हैं। ट्यूबलाइट और सीएफएल लैंप मरकरी आधारित लाइट है जो खराब होने के बाद रिसाइकल नहीं होते एवं भूमि, जल एवं मानव स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालते हैं। इनका पर्याय केवल एलईडी लाइट है जो कि मरकरी मुक्त एवं 90 फीसद ऊर्जा की बचत करती है। इसके लिए लोगों को जागरूक होना होगा तब जाकर हम ऊर्जा को बचा सकेंगे। अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन 32 प्रतिभागियों ने पोस्टर के माध्यम से अपनी शोध की प्रस्तुति दी। कुलपति प्रो. राजाराम यादव ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किया। इस मौके पर भारतीय तकनीकी संस्थान कानपुर के प्रो.अंजन कुमार गुप्ता, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान नई दिल्ली के प्रो.नीरज खरे, चेयरमैन प्रो.बीबी तिवारी, महाराष्ट्र के डा.एनआर पवार, एमिटी विश्वविद्यालय नोएडा के आशीष माथुर, प्रो.वंदना राय, सीआईपीडी लखनऊ केएन पांडेय, डा.केपी थापा, राष्ट्रीय भौतिकी प्रयोगशाला के डा.युधिष्ठिर कुमार यादव, महावीर ङ्क्षसह आदि मौजूद रहे।

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