Trust India Foundation : देश की बाहरी सुरक्षा मजबूत, भीतरी गद्दारों से रहें सावधान : मेजर जनरल जीडी बख्शी
मेजर जनरल (रि.) जीडी बख्शी ने कहा कि आज भारत की सीमाएं सुरक्षित हैं। चीन के बाद दुनिया की सबसे बड़ी सेना हमारी है। आज चीन पाकिस्तान तालिबान और तुर्की की मोर्चेबंदी को समझना होगा। ये भविष्य में भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। मेजर जनरल (रि.) जीडी बख्शी ने कहा कि आज भारत की सीमाएं सुरक्षित हैं। चीन के बाद दुनिया की सबसे बड़ी सेना हमारी है। आज चीन, पाकिस्तान, तालिबान और तुर्की की मोर्चेबंदी को समझना होगा। ये भविष्य में भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा है। हमें अपनी आंतरिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए खुद को मजबूत बनाना होगा। भारत सबसे युवा देश है। हमारी सेना चीन से भी आगे निकलकर दुनिया की सबसे बड़ी सेना बन सकती है। इसके लिए परिवार छोटा रखने की चिंता न करें। अपनी ताकत बढ़ाएं। कौरवों की इकट्ठा हो रही इस सेना से निबटने के लिए हर भारतीय अर्जुन बने। श्रीकृष्ण के उपदेश को ध्यान में रखते बिना यह देखे लड़े कि सामने अपने हैं या पराये। यदि आपने उन्हें नहीं मारा तो वे आपको मार डालेंगे। देश की बाहरी सुरक्षा मजबूत हैं, सिर्फ भीतरी गद्दारों से सावधान रहने की जरूरत है।
मेजर जनरल (रि.) जीडी बख्शी रविवार को रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में ट्रस्ट इंडिया फाउंडेशन की ओर से आयोजित ‘राष्ट्र के सामने आंतरिक चुनौतियां’ विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। राष्ट्रवादी चिंतक एवं वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने कहा कि अपने ऊपर मंडराते खतरों को हर जिम्मेदार व सचेत नागरिक को समझना और पहचानना होगा। अब समय भक्ति नहीं शक्ति प्रदर्शन का है। भगवान राम के ‘भय बिनु होत न प्रीत..’ के उद्धरण को आदर्श बनाना होगा। वर्ष 1947 में हममें से कोई नहीं था, हजारों लाशों पर पग रखकर आजादी आई थी। उन दिनों के लीगी आज भी सक्रिय हैं। प्रत्येक नागरिक को अपने आसपास के खतरे को महसूस करना होगा।
दिल्ली विश्वविद्यालय में राजनीति शास्त्र के प्रोफेसर प्रख्यात ज्योतिषविद पवन जैन गुरुजी ने कहा कि छद्म सेकुलरिज्म की मोह-माया से बाहर निकलकर अपनी संस्कृति को मजबूत बनाते हुए राष्ट्र को मजबूत बनाना होगा। यदि हमें सुरक्षा की समझ होती तो हमारे हुक्मरान 1976 में 42वां संविधान संशोधन नहीं करते। सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता विष्णुशंकर जैन ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मेरे वकालत जीवन की शुरुआत भगवान राम की जन्मभूमि विवाद के केस से हुई। पिता के सानिध्य में मैंने सीखा कि कैसे एक वकील बहुत कुछ बदलाव ला सकता है। आज अनुच्छेद 14 देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है। रिटायर्ड कर्नल आरएसएन सिंह, सुशील पंडित ने भी विचार व्यक्त किए। इस मौके पर कर्नल सिंह की पुस्तक एंटी नेशनल्स का विमोचन भी हुआ। स्वागत नितिन मल्होत्रा, अतिथि परिचय अनिल किंजवाडेकर व सीए सतीश जैन और धन्यवाद ज्ञापन अनिल यादव ने किया।