भदोही में दो माह में 20 की जिंदगी निगल चुके हैं हाईवे पर खड़े ट्रक, आए दिन हो रही हो घटनाएं
हाईवे पर खड़े ट्रक अथवा भारी वाहन जान के दुश्मन बन गए हैं। लालानगर के पास खड़े ट्रेक में कार भिडऩे का यह पहला वाकया नहीं है। इसके पहले भी 26 जनवरी को अमवां माधोपुर गांव के सामने हुई घटना में एंबुलेंस चालक सहित पांच की मौत हो चुकी है।
भदोही, जेएनएन। हाईवे पर खड़े ट्रक अथवा भारी वाहन जान के दुश्मन बन गए हैं। लालानगर के पास खड़े ट्रेक में कार भिडऩे का यह पहला वाकया नहीं है। इसके पहले भी 26 जनवरी को अमवां माधोपुर गांव के सामने हुई घटना में एंबुलेंस चालक सहित पांच की मौत हो चुकी है। इसके अलावा ऊंज और औराई के बीच जनवरी से लेकर अब तक 20 लोगों की जिंदगी काल के गाल में समा चुकी है। इसके बाद भी न तो पुलिस सचेत हो रही है और न राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी।
हंडिया से वाराणसी तक सिक्सलेन का निर्माण हो जाने से वाहनों की रफ्तार भी बढ़ गई है। सर्विस लेन पर जाने के लिए जगह-जगह की गई बैरिकेडिंग के चलते भारी वाहन होटल और ढाबों के सामने हाइवे पर ही खड़े हो जाते हैं। हकीकत यह है कि ऐसे वाहनों पर रिफ्लेक्टर आदि भी नहीं लगाए जाते हैं। परिणाम यह होता है कि तेज रफ्तार से जा रहे वाहन खड़े ट्रक में भिड़ जाते हैं। स्थिति चाहे जो हो लेकिन इस तरह की हो रही घटनाओं को लेकर होटल-ढाबा के संचालक भी जिम्मेदार हैं।
केस- एक : 26 जनवरी को थाना क्षेत्र के अमवा माधोपुर के पास राजमार्ग पर खड़े कंटेनर में पीछे से आ रही एंबुलेंस भिड़ जाने से उस पर सवार चालक सहित पांच लोगों की मौत हो गई थी। एंबुलेंस आसनसोल पश्चिम बंगाल से शव लेकर चित्तौडग़ढ राजस्थान जा रही थी।
केस- दो : नवधन के पास खड़े ट्रक में कार जोरदार टक्कर मार दी थी। चंदौली जा रहे दो लोगों की मौत हो गई थी। बताया जा रहा है कि ट्रक खराब था।
केस- तीन : औराई ओवरब्रिज के नीचे सर्विस लेन पर भारी वाहनों की लंबी कतार लगी रहती है। यही नहीं चौराहे के आस-पास भी वाहन खड़े रहते हैं। खड़े ट्रक में बाइक भिड़ जाने से एक युवक की जान चली गई थी।