रामजन्म भूमि मुकदमे में पक्षकार त्रिलोकी नाथ पांडेय का निधन, राम मंदिर निर्माण की राह की थी आसान
बैरिया तहसील के दया छपरा गांव के निवासी त्रिलोकी नाथ पांडेय रामजन्म भूमि के मुकदमे में पक्षकार थे उनका शुक्रवार की रात निधन हो गया। वह बीमार चल रहे थे। पिछले दिनों उन्हें लखनऊ के डा. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
बलिया, जागरण संवाददाता। अयोध्या में राम मंदिर बनने की राह में बलिया का भी योगदान है। बैरिया तहसील के दया छपरा गांव के निवासी त्रिलोकी नाथ पांडेय रामजन्म भूमि के मुकदमे में पक्षकार थे, उनका शुक्रवार की रात निधन हो गया। वह बीमार चल रहे थे। पिछले दिनों उन्हें लखनऊ के डा. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहीं उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की सूचना पर गांव सहित जिले के लोग दुखी हैं। वह छात्र जीवन से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ गए थे। संघ से ही वह विहिप में भेजे गए और मंदिर आंदोलन के सहयोगी के रूप में उन्होंने अमिट छाप छोड़ी।
बने राम लला के सखा : रामजन्मभूमि की मुक्ति के लिए रामलला के सखा की हैसियत से सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति देवकीनंदन अग्रवाल ने 1989 में ही वाद दाखिल कर दिया था। 1996 में उनकी मृत्यु के बाद यह जिम्मेदारी बीएचयू के सेवानिवृत्त प्रोफेसर ठाकुर प्रसाद वर्मा ने संभाली। 2008 में उनके बाद रामलला के सखा का दायित्व त्रिलोकीनाथ पांडेय ने संभाला। इसके बाद आज वह स्थिति है कि राम मंदिर का निर्माण भी आकार पा रहा है।
राजकीय सम्मान के साथ हुई अंत्येष्टि : श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अंतिम पक्षकार अखिल भारतीय विश्व हिंदू परिषद के संगठन मंत्री त्रिलोकी नाथ पांडेय की अंत्येष्टि शनिवार को राजकीय सम्मान के साथ पचरुखिया गंगा के तट पर हुई। पुलिस टीम ने गार्ड आफ आनर देकर उन्हें अंतिम सलामी दी। मुखाग्नि उनके बड़े पुत्र अरविंद कुमार पांडेय ने दी। उनका शव एंबुलेंस से दोपहर करीब 12 बजे गांव लाया गया। संसदीय कार्य राज्य मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला, विधायक सुरेंद्र सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष जय प्रकाश साहू सहित अन्य शोक संवेदना जताने पहुंचे। त्रिलोकीनाथ के बड़े पुत्र अरविंद पांडेय नगर निगम अयोध्या में अधिकारी हैं जबकि छोटे पुत्र अमित पांडेय नोएडा स्थित एक कंपनी में मैनेजर हैं। पत्नी विमला देवी दयाछपरा में ही रहती हैं।