महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की लाखों उपाधियों पर कोरोना का संक्रमण, ऑनलाइन भी होगी छात्रों को उपाधि शुल्क जमा करने की सुविधा
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने वर्ष 2020 तक के करीब साढ़े तीन लाख छात्रों की उपाधि तैयार कर ली है। हालांकि वर्ष 2020 तक की उपाधियों का टेबुलेशन रजिस्ट्रर (टीआर) से मिलान कार्य चल रहा है। काेरोना संक्रमण के चलते मिलान का कार्य प्रभावित है।
वाराणसी, जेएनएन। राज्यपाल/कुलाधिपति का निर्देश महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने वर्ष 2020 तक के करीब साढ़े तीन लाख छात्रों की उपाधि तैयार कर ली है। हालांकि वर्ष 2020 तक की उपाधियों का टेबुलेशन रजिस्ट्रर (टीआर) से मिलान कार्य चल रहा है। काेरोना संक्रमण के चलते मिलान का कार्य प्रभावित है। मिलान न होने के कारण उपाधियों पर कुलपति के हस्ताक्षर भी रूक गया है। ऐसे में उपाधियों को जारी करने में विलंब होने की संभावना जताई जा रही है।
राज्यपाल/कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल से सभी विश्वविद्यालयों से तीन साल के विद्यार्थियों की उपाधियां उनके घर भेजने का निर्देश दिया था। इसके बाद विद्यापीठ प्रशासन ने चार साल की लंबित उपाधियों को तैयार करने का निर्णय लिया है। कुलपति प्रो. टीएन सिंह की अध्यक्षता में गत दिनों हुई वित्त समिति की बैठक में निर्धारित 200 रुपये शुल्क लेकर विद्यार्थियों को पंजीकृत डाक से उपाधि उनके घर भेजवाने का निर्णय लिया गया था। इसके लिए विद्यार्थियों से 50 रुपये डाक खर्च भी लेने की सहमति बनी थी। इस क्रम में प्राथमिकता के आधार पर उपाधियां भी तैयार करा ली गई है। इस बीच कोविड-19 का संक्रमण तेजी से बढ़ने के कारण उपाधियों के मिलान का कार्य ठप हो गया है। रोटेशन में 50 फीसद कर्मचारियों को ही कार्यालय बुलाया जा रहा है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ड्यूटी लगने व कई कर्मचारियों के संक्रमित होने के कारण के कार्यालय में सन्नाटा पसरा हुअा है। कर्मचारियों की उपस्थिति काफी कम है।
अब मतगणना के बाद व संक्रमण कम होने पर ही उपाधियों के मिलान का कार्य शुरू होने की संभावना जताई जा रही है। कुलसचिव डा. एसएल मौर्य ने बताया कि सभी छात्रों की उपाधियां तैयार हो गई है। मिलान का कार्य चल रहा है। इसके बाद उपाधि शुल्क जमा करने के लिए विद्यार्थियाें को सूचना दी जाएगी। उपाधि शुल्क आॅनलाइन भी जमा करने की सुविधा दी जाएगी।